चिकित्सा शिक्षा को लेकर बिहार स्वास्थ्य सेवा विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी:मंत्री

By भाषा | Updated: March 13, 2021 22:45 IST2021-03-13T22:45:09+5:302021-03-13T22:45:09+5:30

Bihar Health Service University to be set up for medical education: Minister | चिकित्सा शिक्षा को लेकर बिहार स्वास्थ्य सेवा विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी:मंत्री

चिकित्सा शिक्षा को लेकर बिहार स्वास्थ्य सेवा विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी:मंत्री

पटना, 13 मार्च :भाषाः बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने शनिवार को विधानसभा में कहा कि बिहार आबादी के अनुसार चिकित्सकों की संख्या के विश्व स्वास्थ्य संगठन:डब्ल्यूएचओः के मानदंडों को करीब करीब पूरा करता है क्योंकि 12 करोड़ की आबादी वाले इस राज्य में 1,19,000 चिकिसक हैं।

बिहार विधानसभा में पेश वित्त वर्ष 2021-22 के लिए स्वास्थ्य विभाग के 13264.86 करोड रूपये के बजट मांग पर चर्चा के बाद सरकार की ओर से जवाब देते हुए पांडेय ने कहा कि राज्य में 12 करोड़ आबादी है और डब्ल्यूएचओ मानदंडों को पूरा करने के लिए राज्य में 1.20 लाख डॉक्टर होने चाहिए पर वर्तमान में प्रदेश में 1.19 लाख डॉक्टर हैं।

डब्ल्यूएचओ के मानदंडों के अनुसार प्रत्येक 1000 की आबादी पर एक डॉक्टर होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि राज्य में वर्तमान में 40,200 एलोपैथिक डॉक्टर्स, 33,922 आयुष चिकित्सक, 34,257 होम्योपैथिक डॉक्टर्स, 5,203 यूनानी चिकित्सक और 6130 दंत चिकित्सक हैं।

पांडेय ने कहा कि डब्ल्यूएचओ मानदंडों के अनुसार राज्य में 1,000 डॉक्टरों की कमी है ।

उन्होंने कहा कि राज्य में डॉक्टरों की नियुक्ति के अलावा सरकार 11 नए मेडिकल कॉलेज और 23 सामान्य नर्सिंग और मिडवाइफरी:जीएनएमः स्कूल तथा अनुमंडल स्तर पर 54 नर्सिंग स्कूल खोलकर स्वास्थ्य सेवाओं और सुविधाओं में सुधार के लिए कदम उठा रही है।

उन्होंने कहा कि 11 नए मेडिकल कॉलेजों में से सात कॉलेजों पर वर्तमान में काम चल रहा है। पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल को देश का पहला और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा अस्पताल बनाने के लिए का 5540.07 करोड़ रुपये की लागत से उसका जीर्णोद्धार किया जा रहा है। इस अस्पताल जिसमें 5462 बिस्तर होंगे ।इसकी आधारशिला 8 फरवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा रखी गयी थी और इसे अगले पांच वर्षों में पूरा किया जाएगा।

पांडेय ने कहा कि प्रदेश में डॉक्टरों सहित 29,000 स्वास्थ्य कर्मचारियों को पिछले तीन वर्षों में नियुक्त किया गया है। कुल 4,000 डॉक्टरों को पिछले साल जुलाई से सितंबर के बीच नियुक्त किया गया है जबकि विभाग ने बिहार तकनीकी सेवा आयोग को डॉक्टरों को भर्ती करने को लेकर आवश्यकता भेजी है।

उन्होंने कहा कि राज्य में 3260 आयुष डॉक्टरों की भर्ती के लिए स्वास्थ्य विभाग ने आयोग को अनुरोध भेजा है। विभाग में रिक्त पदों को भरने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।

अगले वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए घोषणाओं का जिक्र करते हुए पांडेय ने कहा कि राज्य में चिकित्सा शिक्षा को लेकर बिहार स्वास्थ्य सेवा विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा भागलपुर, बेगूसराय, गया, गोपालगंज, मधेपुरा, मुज़फ़्फ़रपुर, मुंगेर, नालंदा, पटना, रोहतास, समस्तीपुर, सीवान और सारण में 13 जिला अस्पतालों को अगले वित्तीय वर्ष में मॉडल अस्पताल के रूप में विकसित किया जाएगा।

मंत्री ने कहा कि सरकार ने इलाज के लिए मरीजों के साथ आने वाले परिचारकों के आवास के लिए पटना एम्स में एक भवन बनाने का फैसला किया है।

उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि राज्य ने कोविड 19 से निपटने में अच्छा प्रदर्शन किया है। राज्य में टीकाकरण अभियान चल रहा है ।

मंत्री के जवाब से असंतुष्ट पूरे विपक्ष द्वारा सदन से वाकआउट कर जाने के बीच स्वास्थ्य विभाग के बजटीय मांग को ध्वनिमत से पारित कर दिया।

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