पटनाः बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व हम पार्टी के प्रमुख जीतन राम मांझी का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ब्लैकमेल करने वाला एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसने राजनीतिक गलियारे में खलबली मचा दी है.
मांझी ने गया जिले के इमामगंज विधानसभा में आयोजित एक कार्यक्रम से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धमकाया है. उन्होंने कहा है कि मेरे बेटे मंत्री संतोष कुमार मांझी के फंड में एक हजार करोड़ रुपये नहीं दिया गया तो महागठबंधन की तरफ मैं पलटी मार दूंगा.
बताया जाता है कि मांझी ने अपने क्षेत्र में विकास के लिए 1000 करोड़ रुपये की मांग ही नहीं की बल्कि नहीं देने पर गठबंधन से अलग तक होने की बात कह दी. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कहा कि क्षेत्र के विकास के लिए एक हजार करोड़ रुपये दे दीजिए, वरना हम आपकी पार्टी में नहीं हैं, गठबंधन में हैं, चमक गए तो सोच लीजिएगा.
पूर्व मुख्यमंत्री सोमवार को इमामगंज के पथरा गांव में डा. परमेश्वर प्रसाद और उनकी धर्म पत्नी यशोदा देवी की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि मैं अपनी राजनीति की अंतिम पारी खेल रहा हूं और इसमें एक यश लेकर जाना चाहता हूं कि जो करना था किया, उससे संतुष्टि होगी.
उन्होंने कहा कि हमने अपने पुत्र संतोष कुमार सुमन को कहा है कि आप एक हजार करोड़ की योजनाओं का एस्टीमेट बनाकर रखें. एक हजार करोड़ रुपया अगर नहीं दीजिएगा तो हम आपकी पार्टी में नहीं हैं. हम गठबंधन में हैं. कहीं हम चमक ना जाएं तो फिर आप समझ जाइएगा.
हालांकि मांझी ने यह भी कहा कि मुझे उम्मीद है कि ऐसी नौबत नहीं आएगी और वो जरूर देंगे. इसबीच मांझी के बेटे और बिहार सरकार के मंत्री संतोष सुमन ने सफाई देते हुए कहा है कि मेरे पिताजी के बयान की मंशा कुछ और थी जिसे गलत तरीके से पेश किया जा रहा है. हम लोग पूरी ताकत से एनडीए के साथ हैं.
यहां बता दें कि बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में जीतनराम मांझी की पार्टी भी शामिल है. वहीं मांझी के इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर भी तरह-तरह की प्रतिक्रिया सामने आ रही है. दरअसल, बिहार चुनाव परिणाम सामने आने के बाद विपक्ष लगातार जीतनराम मांझी की पार्टी को अपने साथ लाने के प्रयास में रहा है. ऐसे कई मौके सामने आए जब मांझी को एनडीए से अलग होने की सलाह दी जाती रही है.