क्या है 'तटबंध एम्बुलेंस', कैसे करेगा काम, बिहार में खतरनाक तटबंधों पर तैनात ट्रैक्टर-आधारित एम्बुलेंस 

By एस पी सिन्हा | Updated: July 4, 2025 14:50 IST2025-07-04T14:48:50+5:302025-07-04T14:50:24+5:30

Bihar flood situation: तटबंध एम्बुलेंस में पोर्टेबल जेनरेटर, हैलोजन लाइट, ईसी बैग, नायलन क्रेट, खाली जियो बैग और फिल्टर सामग्री के साथ कम से कम दस मजदूर मौजूद रहेंगे।

Bihar flood situation Unique initiative 'Embankment Ambulance' tractor-based ambulance deployed dangerous embankments | क्या है 'तटबंध एम्बुलेंस', कैसे करेगा काम, बिहार में खतरनाक तटबंधों पर तैनात ट्रैक्टर-आधारित एम्बुलेंस 

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Highlightsतटबंधों पर बाढ़ सुरक्षा के कार्य जल संसाधन विभाग द्वारा कराए जा चुके हैं।वर्षापात और वर्षा के पूर्वानुमान की सूचना ससमय प्राप्त हो रही है। 1310.09 करोड़ रुपये की लागत से कटाव निरोधक कार्य पूरे हो चुके हैं।

पटनाः मानव रोगियों के लिए ’एम्बुलेंस' के बारे में सभी लोग जानते हैं, लेकिन बिहार में अब 'तटबंध एम्बुलेंस' की अनूठी पहल शुरू की गई है। दरअसल, बिहार में बाढ़ की संभावित स्थिति से निपटने के लिए नीतीश सरकार ने व्यापक तैयारियों में जुट गई हैं। ऐसे में तटबंधों की सुरक्षा के लिए जल संसाधन विभाग के द्वारा खतरनाक और अतिसंवेदनशील तटबंधों पर ट्रैक्टर-आधारित एम्बुलेंस तैनात की गई हैं। प्रत्येक तटबंध एम्बुलेंस में पोर्टेबल जेनरेटर, हैलोजन लाइट, ईसी बैग, नायलन क्रेट, खाली जियो बैग और फिल्टर सामग्री के साथ कम से कम दस मजदूर मौजूद रहेंगे।

राज्य के 3808 किलोमीटर लंबे तटबंधों की निगरानी के लिए प्रति किलोमीटर एक श्रमिक तैनात किया गया है। इसके अलावा अस्थायी आवास, शौचालय और पेयजल की व्यवस्था भी की गई है। बाढ़ सुरक्षा के लिए 11 अनुभवी और सेवानिवृत्त अभियंताओं की अध्यक्षता में बाढ़ सुरक्षा बलों का गठन किया गया है।

बाढ़ के दौरान खतरनाक तटबंधों की सुरक्षा के लिए क्षेत्रीय अभियंताओं को परामर्श देने के लिए अनुभवी व सेवानिवृत अभियंताओं की अध्यक्षता में कुल 11 बाढ़ सुरक्षा बलों का भी गठन किया गया है। नदियों पर निर्मित बराज के माध्यम से नदी के जलश्राव का अनुश्रवण समय-समय पर करते हुए जलश्राव में अप्रत्याशित वृद्धि की स्थिति में संबंधित क्षेत्रीय पदाधिकारियों एवं जिला पदाधिकारियों को भी इसकी सूचना अविलंब भेजी जा रही है। पड़ोसी देश नेपाल में स्थित कोशी बराज एवं तटबंधों पर बाढ़ सुरक्षा के कार्य जल संसाधन विभाग द्वारा कराए जा चुके हैं।

नेपाल के जल एवं मौसम विभाग से नेपाल उत्तर बिहार के विभिन्न नदी बेसिन में होने वाले वास्तविक वर्षापात और वर्षा के पूर्वानुमान की सूचना ससमय प्राप्त हो रही है। बाढ़ के दौरान तटबंधों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त बाढ़ संघर्षात्मक सामग्री का भंडारण किया गया है। पटना में बाढ़ प्रबंधन सुधार सहायक केंद्र ने गंगा के बक्सर से कहलगांव तक और अन्य नदियों के 42 स्थलों पर 72 घंटे पहले बाढ़ पूर्वानुमान शुरू कर दिया है। बाढ़ से बचाव के लिए राज्य की विभिन्न नदियों के कुल 394 स्थलों पर राज्य योजना, केन्द्र प्रायोजित व आपदा मद के तहत 1310.09 करोड़ रुपये की लागत से कटाव निरोधक कार्य पूरे हो चुके हैं।

इनमें गंगा, कोशी, गंडक, बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, महानंदा आदि नदी बेसिन शामिल हैं। बिहार की भौगोलिक स्थिति और नेपाल से आने वाली नदियों कोशी, गंडक और बागमती के कारण बाढ़ एक बड़ी चुनौती है। 2024 में कोसी बराज से 6.61 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जिसने कई जिलों को प्रभावित किया था।

नीतीश सरकार की यह तैयारी बाढ़ के प्रभाव को कम करने में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। आपदा प्रबंधन विभाग और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के साथ मिलकर राहत कार्यों को और प्रभावी बनाया गया है।राज्य के जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सतत निगरानी का कोई और विकल्प नहीं है।

ऐसा कोई भी तटबंध का हिस्सा न छूटे, जहां वरिष्ठ अधिकारी का निरीक्षण न हुआ हो। साथ ही सभी स्थलों तक सुगम पहुंच सुनिश्चित की गई है। तटबंधों के आसपास स्थित जर्जर पुल एवं पुलियों की भी रिपोर्ट तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष बिहार में बाढ़ की संभावित स्थिति से निपटने के लिए जल संसाधन विभाग ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली है।

विभिन्न नदियों पर अवस्थित अतिसंवेदनशील स्थलों को चिन्हित कर बाढ़-2025 से पूर्व कटाव निरोधक कार्य पूर्ण करा लिए गए हैं। बाढ़ अवधि के दौरान खतरनाक, अतिसंवेदनशील और संवेदनशील स्थलों पर पर्याप्त मात्रा में बाढ़ संघर्षात्मक सामग्रियों का भंडारण कर लिया गया है।

 

Web Title: Bihar flood situation Unique initiative 'Embankment Ambulance' tractor-based ambulance deployed dangerous embankments

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