बिहार: राजकीय सम्मान के दौरान गोली नहीं चलने के मामले में आठ पुलिसकर्मियों को सजा
By भाषा | Updated: May 27, 2021 21:21 IST2021-05-27T21:21:18+5:302021-05-27T21:21:18+5:30

बिहार: राजकीय सम्मान के दौरान गोली नहीं चलने के मामले में आठ पुलिसकर्मियों को सजा
मुंगेर, 27 मई इमारत-ए-शरिया के अमीर और पूर्व विधान पार्षद मौलाना सैयद वली रहमानी जिनका तीन अप्रैल को निधन हो गया था, का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किए जाने के दौरान पुलिस राइफल से गोली नहीं चलने पर मुंगेर प्रमंडल पुलिस उपमहानिरीक्षक ने आठ पुलिसकर्मियों को सजा सुनायी है।
मुंगेर प्रमंडल के पुलिस उपमहानिरीक्षक शफीउल हक ने बृहस्पतिवार को जारी एक आदेश में कहा है कि पुलिस हस्तक नियम 1104 के मुताबिक कोत में रखे सभी हथियार, गोली की सफाई और रख रखाव की जिम्मेदारी परिचारी प्रवर की होती है।
आदेश के मुताबिक दिवंगत वली रहमानी के राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार में 10 में से छह हथियार से गोली नहीं चलने के लिये परिचारी प्रवर अशोक बैठा जिम्मेवार हैं जिन्होंने सही हथियार और गोली इस अहम मौके के लिये नहीं उपलब्ध कराया, यह जिम्मा आरक्षी निरीक्षक राम लाल यादव का था जिनके कारण पुलिस को शर्मिंदा होना पड़ा। दोनों को एक-एक निंदन (प्रतिकूल प्रविष्टि) की सजा दी जाती है।
आदेश में कहा गया है कि कार्यक्रम के दौरान हवलदार धनेश्वर चौधरी एवं सिपाही मुकेश कुमार, मुनेश्वर कुमार, सुमन कुमार, रंजन कुमार एवं गौरी शंकर गुप्ता को देखकर ऐसा लगा कि गोली चलाना तो दूर की बात इन्हें राइफल को कॉक करना नहीं आता है। उनसे कई गोली, भरने के दौरान गिर गयी थी।
मुंगेर प्रमंडल के पुलिस उपमहानिरीक्षक द्वारा जारी उक्त आदेश में कहा गया है कि कुल मिलाकर इन्होंने पुलिस का मजाक बना दिया इसलिए इन सभी छह को दो-दो निंदन की सजा दी गयी है।
उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमित वली रहमानी का तीन अप्रैल को पटना शहर स्थित एक निजी अस्पताल में इलाज के क्रम में मौत हो गयी थी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिवंगत वली रहमानी का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ कराए जाने की घोषणा की थी।
अमीर ए शरियत वली रहमानी का अंतिम संस्कार उनके पैतृक जिला में किया गया था।
विदित हो कि पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा का वर्ष 2019 में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किए जाने के समय पुलिसकर्मियों के राइफल से गोली नहीं चलने के कारण भी सरकार को फजीहत का सामना करना पड़ी था।
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