बिहार में शिक्षा विभाग का अजीब आदेश: पहले मृत शिक्षकों को बनाया परीक्षक, नहीं आने पर कर दिया सस्‍पेंड

By एस पी सिन्हा | Updated: March 2, 2020 17:17 IST2020-03-02T17:17:29+5:302020-03-02T17:17:29+5:30

बेगूसराय में करीब डेढ़ वर्ष पूर्व दुनिया को अलविदा कह चुके एक शिक्षक को इंटर की कॉपी जांच के आदेश दिए गए हैं. सिर्फ इतना ही नहीं, कॉपी जांच में योगदान नहीं करने पर उन्हें निलंबित करने का भी फरमान जिला शिक्षा विभाग से जारी किया गया है.

Bihar: Education department Examiner Appointed dead teachers for exmine suspended after not coming | बिहार में शिक्षा विभाग का अजीब आदेश: पहले मृत शिक्षकों को बनाया परीक्षक, नहीं आने पर कर दिया सस्‍पेंड

अब तक राज्य में 1000 से ज्यादा शिक्षकों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है

Highlightsकॉपी जांच में योगदान नहीं करने पर उन्हें निलंबित करने का भी फरमान जिला शिक्षा विभाग से जारी किया गया हैसंघ ने सरकार से जिम्‍मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

बिहार में शिक्षा विभाग के द्वारा मृत शिक्षकों को परीक्षक बना दिये जाने का मामला प्रकाश में आने से सनसनी मच गई है. सबसे मजेदारा बात तो यह है कि जब मृत शिक्षकों ने ज्‍वाइन नहीं किया, तो विभाग ने उन्हें निलंबित भी कर दिया. हालांकि इस मामले पर कोई भी अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है. दरअसल, इंटरमीडिएट परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन में शिक्षा विभाग ने मृतक को परीक्षक की ड्यूटी में लगा दी है. 

प्राप्त जानकारी के अनुसार बेगूसराय में करीब डेढ़ वर्ष पूर्व दुनिया को अलविदा कह चुके एक शिक्षक को इंटर की कॉपी जांच के आदेश दिए गए हैं. सिर्फ इतना ही नहीं, कॉपी जांच में योगदान नहीं करने पर उन्हें निलंबित करने का भी फरमान जिला शिक्षा विभाग से जारी किया गया है. ऐसा ही मामला बांका जिले से भी अया है, जहां दिवंगत शिक्षक हैदर को परीक्षक बना दिया गया था. इसकी सूचना आम होते ही लोगों में इसकी चर्चाएं गर्म हो गई हैं. बताया जाता है कि बेगूसराय के शालीग्रामी हाईस्कूल के शिक्षक रंजीत कुमार यादव और बांका के कटोरिया हाईस्कूल के शिक्षक हैदर के नाम डीईओ ने मूल्यांकन के लिए पत्र जारी कर दिया. जबकि इन दोनों की मौत हो चुकी है, इसके बावजूद इनकी ड्यूटी लगाई गई. हैरानी की बात यह है कि मृतक शिक्षकों की न सिर्फ परीक्षक की ड्यूटी लगाई गई, बल्कि उनके खिलाफ अधिकारियों को निलंबन का आदेश भी दिया गया.

ऐसे में शिक्षा विभाग के इस कारनामे को माध्यमिक शिक्षक संघ ने अधिकारियों की बड़ी लापरवाही करार दिया. संघ ने सरकार से जिम्‍मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. साथ ही संघ के महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने चेतावनी दी है कि सरकार शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई वापस नहीं लेती है तो सभी शिक्षक अब उनके आदेश पत्र की होलिका जलाएंगे. बेगूससराय में जिला शिक्षा विभाग से 28 फरवरी को एक आदेश निकालकर जिला परिषद के अंतर्गत आने वाले चार दर्जन से अधिक शिक्षकों को निलंबित करने की अनुशंसा जिला परिषद नियोजित इकाई से की गई थी. उसके क्रमांक 15 पर अप्रगेड इंटर स्कूल शालीग्रामी के नियोजित शिक्षक रंजीत कुमार यादव का नाम अंकित है. उनका निधन 15 अक्टूबर 2018 को ही हो चुका है. फिर भी इंटर के मूल्यांकन कार्य में उनकी ड्यूटी बीपी इंटर महाविद्यालय बेगूसराय भाग- 1 में लगा दी गई. इस संबंध में डीईओ देवेंद्र कुमार झा ने बताया कि बोर्ड से प्राप्त सूची के आधार पर कार्रवाई की गई है. अभी तक इसकी जानकारी नहीं थी. अब जानकारी मिली है. उसमें सुधार करवा लेते हैं. बहरहाल, शिक्षा विभाग का यह आदेश हास्‍यास्‍पद बना हुआ है. 

यहां बता दें कि अब तक राज्य में 1000 से ज्यादा शिक्षकों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है, वहीं लगभग दो हजार शिक्षकों पर प्राथमिकी तक दर्ज किया गया है. हडताल की वजह से बिहार बोर्ड के सामने अभी चुनौती खत्म नहीं हुई है क्योंकि इंटर का 60 प्रतिशत मूल्यांकन जहां बाकी है. वहीं अब 5 मार्च से राज्य में मैट्रिक की कॉपियों का भी मूल्यांकन होना है. ऐसे में उम्मीद है कि सरकार जल्द हड़ताल खत्म करने को लेकर कुछ पहल करे. हालांकि, पूरे मामले पर शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा बार-बार कह रहे हैं कि शिक्षकों के साथ वो वार्ता को तैयार हैं, लेकिन वेतनमान किसी भी हालत में नहीं देंगे. वहीं, माध्यमिक शिक्षक संघ ने भी कहा है कि वह बातचीत को तैयार है लेकिन शर्त के साथ. बहरहाल, अब देखने वाली बात यह होगी कि आखिर आने वाले समय में क्या रास्ता निकलता है?

Web Title: Bihar: Education department Examiner Appointed dead teachers for exmine suspended after not coming

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