पटनाः बिहार में कोरोना के बढ़ते कहर को देखते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने संक्रमितों का इलाज करने के लिए डॉक्टरों की एक अपनी टीम उतार दी है.
उन्होंने अपनी पार्टी के चिकित्सा प्रकोष्ठ से जुडे़ 13 डॉक्टरों को निर्देश दिया है कि वे महामारी के इस समय में कोरोना संक्रमितों का इलाज करें. उन्होंने इन 13 डॉक्टरों के नाम के साथ ही इनके मोबाइल नंबर भी जारी कर दिए हैं. बताया जाता है कि ये सभी डॉक्टर टेलीमेडिसिन के जरिए मरीजों का मुफ्त इलाज करेंगे और उन्हें दवा बताएंगे.
इस संबंध में तेजस्वी ने ट्वीट करके कहा है कि राजद चिकित्सा प्रकोष्ठ के 13 डॉक्टरों की लिस्ट जारी की गई है, जो महामारी के इस दौर में मुफ्त में कोविड-19 से जुडे़ मामलों में कंसल्टेंसी देंगे और संक्रमण से जुडी जरूरी बातों के बारे में जानकारी भी साझा करेंगे. संक्रमित मरीज इन डॉक्टरों से इनके हेल्पलाइन नंबर पर बात कर सकते हैं.
इसके साथ ही नेता प्रतिपक्ष ने राज्य में एनडीए के 48 सांसदों के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा है की केन्द्र सरकार डीआरडीओ के जरिए कम आबादी और कम कोरोना मामलों के बावजूद हरियाणा में 500 बेड वाले दो कोविड समर्पित अस्पताल चालू करवा रही है. क्या बिहारियों की जान इतनी सस्ती है जो एनडीए को 48 सांसदों देने के बावजूद इस महामारी में केंद्र सरकार का यह आपराधिक सौतेलापन सहें?
बिहार एनडीए के(39+9) 48 सांसद और 5 केंद्रीय मंत्री मिलकर भी बिहार के लिए डीआरडीओ से एक 500 बेड का कोविड समर्पित अस्पताल सुनिश्चित नहीं करवा सकते? धिक्कार है ऐसे डरपोक नाकारा सांसदों पर! उन्होंने कहा की कोरोना संकट में भी बिहार की केंद्र द्वारा की जा रही अनदेखी पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार क्यों मुंह में दही जमाए हुए हैं? बस यही हैसियत है?
कहां है दो-दो उपमुख्यमंत्री? कहां है बड़बोले केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, गिरीराज सिंह, अश्विनी चौबे, आरके सिंह और नित्यानंद राय? तेजस्वी ने कहा की याद करो लालू जी का यूपीए-1 का दौर, बिहार में बाढ़-सुखाड़ जैसी किसी भी प्रकार की आपदा और संकट की घड़ी में तत्कालीन प्रधानमंत्री जी के बिहार दौरे के साथ साथ विशेष सहायता और राहत कोष बिहार को मिलता था.