बिहार: ग्रामीण इलाकों में सड़कों की बदहाल हालत पर संसद में भिड़े भाजपा और जदयू के सांसद, एक-दूसरे की पार्टियों पर किए तीखे हमले

By विशाल कुमार | Updated: December 15, 2021 09:04 IST2021-12-15T08:12:41+5:302021-12-15T09:04:01+5:30

लोकसभा में के प्रश्नकाल के दौरान भाजपा सांसद राम कृपाल यादव ने बिहार सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत काम पूरा नहीं कर पाई, जबकि अन्य राज्य आगे बढ़ गए हैं। 

bihar bjp jdu mps poor rural road pmgsy nitish kumar | बिहार: ग्रामीण इलाकों में सड़कों की बदहाल हालत पर संसद में भिड़े भाजपा और जदयू के सांसद, एक-दूसरे की पार्टियों पर किए तीखे हमले

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह.

Highlightsभाजपा सांसद ने पीएमजीएसवाई के तहत काम पूरा नहीं होने पर बिहार सरकार की आलोचना की।केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने उन आंकड़ों का हवाला दिया।जदयू सांसद कौशलेंद्र कुमार ने गिरिराज सिंह पर पलटवार किया।

नई दिल्ली: बिहार के ग्रामीण इलाकों में बदहाल सड़कों को लेकर मंगलवार को संसद में राज्य में गठबंधन में सरकार चला रही जदयू और भाजपा के सांसदों ने एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप करना शुरू कर दिया।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, लोकसभा में के प्रश्नकाल के दौरान भाजपा सांसद राम कृपाल यादव ने बिहार सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत काम पूरा नहीं कर पाई, जबकि अन्य राज्य आगे बढ़ गए हैं। 

वहीं, केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने उन आंकड़ों का हवाला दिया, जिनसे पता चलता है कि राज्य वास्तव में पीएमजीएसवाई योजना के तहत लक्ष्य को पूरा करने में विफल रहा है।

सिंह ने कहा कि पीएमजीएसवाई के पहले चरण में 1,287 किलोमीटर सड़क का निर्माण होना बाकी है, दूसरे और तीसरे चरण में क्रमश, 411 किमी और 6,162 किमी स्वीकृत किए गए हैं। 

उन्होंने कहा कि केंद्रीय निधि से शेष के रूप में राज्य सरकार के पास अभी भी लगभग 949 करोड़ रुपये उपलब्ध हैं। राज्य सरकार ने 1,390 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों को मंजूरी दे दी है, लेकिन कार्यों के लिए निविदा अभी तक जारी नहीं की गई।

इस पर कई विपक्षी सांसदों ने जदयू अध्यक्ष और सांसद राजीव रंजन ललन सिंह को जवाब देने के लिए ललकारा. हालांकि, इस पर जदयू सांसद कौशलेंद्र कुमार ने प्रतिक्रिया दी।

इन आलोचनाओं को जदयू सांसद कौशलेंद्र कुमार ने हल्के में नहीं लिया और जवाब में गिरिराज सिंह से पूछ लिया कि क्या उन्होंने कार्यों को पूरा करने के लिए निर्णायक कदम उठाने के लिए राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक की।

उन्होंने कहा कि एनडीए बिहार के साथ-साथ केंद्र में भी सरकार चला रही है। आप बिहार से हैं और मैं भी बिहार से। क्या आपने कभी इस मुद्दे को सुलझाने के लिए राज्य सरकार या उसके अधिकारियों के साथ कोई बैठक करने की कोशिश की है?

मैंने बिहार के अधिकारियों और सांसदों के साथ कई बैठकें की हैं। मैं अपना काम कर रहा हूं. यहां (और भी) नेता हैं. और आप आ सकते हैं और मेरे साथ बैठक कर सकते हैं। एक मंत्री के तौर पर मैं सभी के संपर्क में रहा हूं।

यही नहीं, शून्य काल के दौरान भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने बिहार के 'पिछड़ेपन' को उजागर करने की कोशिश की. रूडी ने बिहार सरकार से राज्य के विकास के लिए एक नीति और कार्य योजना विकसित करने को कहा ताकि मजदूर, छात्र और उद्योगपति अपनी भविष्य की गतिविधियों के लिए राज्य से बाहर न जाएं।

बता दें कि, बिहार के 40 सांसदों में से 17 भाजपा के और 16 जद (यू) के हैं। राज्य में गठबंधन सरकार चलाने के बावजूद, दोनों दलों के बीच संबंधों में खटास आ गई है क्योंकि बिहार इकाई में भाजपा नेताओं ने कई मुद्दों पर नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार के कामकाज के खिलाफ शिकायत की है।

जहां भाजपा जातिगत जनगणना करने की इच्छुक नहीं है, वहीं नीतीश कुमार की जदयू ने विपक्ष के साथ मिलकर इसकी मांग की है। शराबबंदी पर भाजपा जोरदार समीक्षा की मांग कर रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर से विशेष दर्जे की मांग भी उठाने लगे हैं।

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