पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव का बिगूल बजते ही सभी दलों ने अपनी तैयारी में अपनी ताकत लगाना शुरू कर दिया है. लेकिन राजग और महागठबंधन के बीच अभी भी सीटों का फाइनल बटवारा नहीं हो सका है.
सीट शेयरिंग को लेकर मांझी के बाद अब रालोसपा प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा ने तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर सवाल खड़ा कर दिया है. ऐसे में उपेंद्र कुशवाहा के महागठबंधन से अलग होने पर तेजस्वी यादव ने पलटवार किया है. तेजस्वी यादव ने कहा कि हमारा तो गठबंधन बिहार की जनता के साथ है.
तेजस्वी यादव ने महागठबंधन में उपेंद्र कुशवाहा की नाराजगी पर साफ कर दिया है कि जिसे जहां जाना है, वह जा सकता है. लेकिन महागठबंधन और खास करके राजद का अपमान वह कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे. तेजस्वी यादव ने राजद कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपेंद्र कुशवाहा पर पहली बार खुलकर बयान देते हुए कहा कि उनको जहां जाना है जाएं कोई फर्क नहीं पड़ता.
महागठबंधन में जो भी दल शामिल हैं, वह एकजुटता के साथ चुनाव लड़ेंगे
महागठबंधन में जो भी दल शामिल हैं, वह एकजुटता के साथ चुनाव लड़ेंगे. तेजस्वी यादव यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा कि सम्मान सबको चाहिए और सब को सम्मान देना भी होगा. जो सम्मान देगा उसे ही सम्मान मिलेगा. हालांकि मेरा कोई अपमान भी करे तो हम उनका सम्मान करते हैं.
उपेंद्र कुशवाहा हमसे उम्र में बडे़ हैं और अनुभवी हैं क्या यह समय किसानों के साथ खडे़ रहने का नहीं है? हमारी जो विचारधारा है हम उसके साथ खडे़ हैं. तेजस्वी ने कहा कि हमारा गठबंधन कांग्रेस, वामपंथी दलों के साथ बिहार में है. तेजस्वी यादव ने कहा कि सीट शेयरिंग के मुद्दे पर इतनी जल्दीबाजी क्यों है? अभी किसी भी राजनीतिक दल ने अपना सीट शेयरिंग कर दिया है कि हम हड़बड़ा जाएं.
उन्होंने महागठबंधन में सहयोग दलों के नाराजगी पर कहा कि मुझे इस पर कुछ नहीं कहना है. तेजस्वी ने चुनाव की तैयारी पर कहा कि बिहार के किसान, बेरोजागर सबसे अधिक चुनाव को लेकर तैयार है. चुनाव होने के बाद ये सरकार को जवाब देंगे. जो सरकार ने वादा किया था, वह वादा पूरा नहीं कर पाई. बिहार के विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला.
मोतिहारी का चीनी मिल नहीं खुला. इसको खोलने के लिए वादा किया गया था
मोतिहारी का चीनी मिल नहीं खुला. इसको खोलने के लिए वादा किया गया था. तेजस्वी ने कहा कि नोटबंदी, सीएए पर लोकसभा और राज्यसभा में समर्थन किया. जब हमलोगों ने विरोध किया तो दबाव में आकर विरोध करने लगे. हर बार पलटी मारते हैं. किसानों और बेरोजगारों के साथ राजद मजबूती के साथ खड़ी है.
इसके कारण ही हमलोगों ने भारत बंद का विरोध किया. अब उपेन्द्र कुशवाहा को भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तेजस्वी यादव से ज्यादा योग्य नजर आने लगे हैं.मतलब साफ है, उपेन्द्र कुशवाहा महागठबंधन छोड़ने का मन बना चुके हैं. बस औपचारिक ऐलान बाकी है. यहां उल्लेखनीय है कि उपेन्द्र कुशवाहा अबतक चुप्पी साधे हुए थे.
कुशवाहा महागठबंधन छोड़ देने का फैसला ले चुके हैं
तेजस्वी यादव के खिलाफ कोई बयान देने से परहेज कर रहे थे. लेकिन दो दिन पहले तेजस्वी यादव के साथ दो घंटे की बैठक के बाद उन्होंने महागठबंधन को छोड़ देने का मन बना लिया है. पार्टी सूत्रों के अनुसार कुशवाहा महागठबंधन छोड़ देने का फैसला ले चुके हैं.
पार्टी के तमाम नेता पदाधिकारी भी यहीं चाहते हैं. केवल औपचारिक ऐलान भर होना बाकी है. कुशवाहा अब खुलकर ये बोलने लगे हैं कि तेजस्वी यादव के चेहरे की बदौलत महागठबंधन नीतीश कुमार ने नेतृत्व वाले राजग का मुकाबला नहीं कर सकता. उपेंद्र कुशवाहा ने राजद नेतृत्व पर सवाल खड़ा किया है.
उन्होंने यह भी कहा है कि अगर राष्ट्रीय जनता दल ये तय करे कि हम अपना नेतृत्व बदल देंगे तो उपेंद्र कुशवाहा आज भी अपने लोगों को समझा लेगा. लेकिन अब शर्त यही है कि राष्ट्रीय जनता दल अपना नेतृत्व बदले. तेजस्वी यादव को हटाकर दूसरा नेतृत्व लाये. दरअसल, तेजस्वी यादव ने अपने दो घंटे की मुलाक़ात के दौरान तेजस्वी यादव ने उपेन्द्र कुशवाहा से सीट शेयरिंग पर बात ही नहीं की. केवल कांग्रेस और वीआइपी पार्टी की मांग उन्हें सुनाते रहे. दो घंटे तक कांग्रेस और वीआइपी के बारे में भी बात करते रहे.
उपेन्द्र कुशवाहा समझ गए कि तेजस्वी उन्हें टरका रहे हैं. उन्हें सीट देने को तैयार नहीं हैं. फिर क्या था दुसरे दिन ही उन्होंने पार्टी की बैठक बुला ली और महागठबंधन छोड़ देने का फैसला ले लिया. सूत्रों के अनुसार उपेन्द्र कुशवाहा की जदयू से बात चल रही है. अगले एक दो दिनों में समझौता हो जाने की उम्मीद है.