पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव अपने चरम पर पहुंच चुका है. पहले चरण का मतदान खत्म होने के बाद अब दूसरे चरण का मतदान कल 3 नवंबर को होगा. जिसमें सबसे ज्यादा 94 सीटों पर मतदान होने जा रहा है. दो चरण का चुनाव प्रचार खत्म हो गया है और अब तीसरे चरण के लिए धुआंधार चुनाव प्रचार अपने चरम पर है.
लेकिन तेजस्वी यादव के आगे राजद में किसी की नही चल रही है. तमाम दिग्गज नेताओं सहित अपनी मां राबड़ी देवी व बहन मीसा भारती को भी दरकिनार करते हुए तेजस्वी यादव अकेले चुनाव प्रचार की कमान संभाले हुए हैं. अब तक ना तो पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और ना ही राजद के स्टार प्रचारकों में शामिल मीसा भारती चुनाव प्रचार के लिए कहीं नजर आई हैं. हालांकि इन दोनों का नाम पार्टी के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में शामिल है.
इस मामले को लेकर भाजपा ने राजद पर हमला बोलते हुए कहा है कि अगर लालू यादव, राबड़ी देवी और मीसा भारती चुनाव प्रचार में उतरे तो लोगों को फिर एक बार जंगलराज की याद ताजा हो जाएगी. उन्होंने कहा कि कहा कि लालू परिवार को लोग जंगलराज और भ्रष्टाचार का शासन के रूप में देखते हैं. उन्होंने आगे यह भी कहा कि यही वजह है कि तेजस्वी यादव ने एक स्ट्रैटजी के तहत इन सब को ना सिर्फ पोस्टर से हटाया, बल्कि चुनाव प्रचार से भी अलग कर दिया है. यही नहीं उन्होंने अपने दल के वरिष्ठ नेताओं को भी इसके काबिल नही समझा.
राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानन्द सिंह को केवल रबर स्टैम्प बनाकर रखा गया
राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानन्द सिंह को केवल रबर स्टैम्प बनाकर रखा गया. इसके अलावे कई और वरिष्ठ नेता इस चुनाव में दरकिनार कर दिये गये हैं. ऐसे में कहा जा रहा है कि राजद में लालू-राबड़ी के सियास की विरासत को लेकर पारिवारिक खींचतान की खबरें नई नहीं हैं. ऐसे में मीसा भारती का स्टार प्रचारक होने के बावजूद अब तक स्टार प्रचार रहकर भी अभियान से पूरी तरह लापता होने से सवाल पैदा हो रहे हैं कि क्या वह चुनाव में प्रचार करेंगी या फिर नदारद रहेंगी?
हालांकि, पार्टी के नेता उनके इस तरह से गायब रहने के मुद्दे को ज्यादा तूल नहीं देना चाहते. लेकिन, मीसा ना सिर्फ फ्रंट पर प्रचार से गायब हैं, बल्कि सोशल मीडिया पर भी राजद के पक्ष में प्रचार करने में उतनी ज्यादा सक्रिय नहीं दिख रही हैं. तेजस्वी की बड़ी बहन और राजनीति में उनसे काफी वरिष्ठ होने के बावजूद मीसा भारती के मुकाबले लालू अपने दोनों बेटों को अपनी राजनीतिक विरासत सौंप चुके हैं.
मीसा से काफी छोटे होने के बावजूद तेजस्वी यादव महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं. इतनी स्पष्टता के बावजूद मीसा का प्रचार में भाई को मुख्यमंत्री बनवाने के लिए अब तक नहीं उतरना कई तरह के सवालों को जन्म दे रहा है और यही कारण विपक्ष राजद और तेजस्वी पर सवाल उठा रहे है.
यहां बता दें कि महज 1 साल पहले लोकसभा चुनाव के दौरान जब मीसा भारती पाटलिपुत्र से राजद की उम्मीदवार थी. तब उन्होंने जमकर चुनाव प्रचार किया था. लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव में पहले तो राजद ने लालू यादव और राबड़ी देवी को भी पोस्टर से हटाया दिया है. पोस्टर में सिर्फ और सिर्फ तेजस्वी को दिखाया गया है.
राजद के युवा चेहरे के तौर पर और बिहार के भावी सीएम के तौर पर प्रोजेक्ट किया गया
तेजस्वी को ही राजद के युवा चेहरे के तौर पर और बिहार के भावी सीएम के तौर पर प्रोजेक्ट किया गया है. इधर राजद ने भाजपा के इस बयान पर पलटवार किया है. राजद के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा है की महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव अकेले ही काफी हैं.
उन्होंने कहा कि सिर्फ तेजस्वी से लोहा लेने के लिए भाजपा ने प्रधानमंत्री के साथ केंद्रीय मंत्रियों की टीम को उतार दिया है. लेकिन अपने कामकाज को एनडीए नेता जनता के सामने पेश नहीं कर पा रहे हैं और यही वजह है कि परिवार पर हमले बोल रहे हैं.
यहां उल्लेखनीय है कि महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव के लिए राघोपुर तो पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और लालू के बडे़ बेटे तेज प्रताप यादव के लिए समस्तीपुर जिले का हसनपुर विधानसभा हॉट सीट बना हुआ है. चर्चा यह थी कि कम से कम अपने दोनों भाइयों के लिए मीसा भारती चुनाव प्रचार में उतरेंगी. लेकिन एक तरफ लालू यादव जेल में बंद हैं. तो दूसरी तरफ ना तो पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और ना ही पूर्व सांसद मीसा भारती अब तक चुनाव प्रचार में नजर आई हैं.
चुनाव प्रचार की सारी कमान सिर्फ और सिर्फ तेजस्वी यादव संभाल रहे हैं. ऐसे में राजद में तेजस्वी यादव के सामने किसी में बोलने की हिम्मत नही होने का भी आरोप लगाया जाने लगा है. भाजपा नेताओं का कहना है कि अभी सत्ता से दूर हैं तब ऐसी स्थिती है, अगर सत्ता में आ जाएं तो इनका अहंकार और क्या दिन दिखायेगा? तेजस्वी यादव के इस चाल से पता चल रहा है कि राजद में इनके आगे बोलने के किसी में हिम्मत नही है. यह मात्र उनके कार्यशैली की बनगी मात्र है.