कोलकाता, छह सितंबर पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी को राहत प्रदान करते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि पुलिस राज्य में उनसे संबंधित आपराधिक मामलों में कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं कर सकती है। इन मामलों में उनके अंगरक्षक की अस्वाभाविक मौत की सीआईडी द्वारा की जा रही जांच भी शामिल है।
सीआईडी ने सुरक्षाकर्मी की पत्नी द्वारा 2021 में दर्ज कराए गए हत्या के मामले में अपनी जांच के सिलसिले में अधिकारी को सोमवार को पेश होने के लिए कहा था। लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक कई मामलों में अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं के उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित होने और राजनीतिक व्यस्तताओं का हवाला देते हुए उपस्थित नहीं हुए।
न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा ने अंगरक्षक की मौत से संबंधित तीन मामलों, नंदीग्राम में एक कथित राजनीतिक झड़प सहित अन्य मामलों में अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही पर रोक लगा दी। कोलकाता के मानिकतला थाने में दर्ज कथित नौकरी घोटाले से संबंधित मामले और तामलुक में पुलिस को कथित रूप से धमकी देने के मामले की जांच की अनुमति देते हुए अदालत ने निर्देश दिया कि इनके संबंध में अधिकारी के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जा सकती है।
अधिकारी के खिलाफ आगे दर्ज होने वाली किसी भी प्राथमिकी के बारे में जानकारी देने का पश्चिम बंगाल सरकार को निर्देश देते हुए अदालत ने कहा कि राज्य को ऐसे सभी मामलों में उन्हें गिरफ्तार करने या उनके खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई करने से पहले अदालत से अनुमति लेनी होगी।
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