छात्र को प्रताड़ित किया, जबरन टीसी काटने पर 25 हजार का जुर्माना

By शिवअनुराग पटैरया | Updated: January 2, 2021 18:08 IST2021-01-02T18:07:22+5:302021-01-02T18:08:24+5:30

नील वर्ल्ड स्कूल, गुना के संचालक इकराम खान, स्कूल प्राचार्य एवं स्टॉफ द्वारा प्रार्थी के नाबालिग पुत्र के साथ खिलवाड़ कर जबरदस्ती टीसी काट देने शिकायत की गई थी.

bhopal Tortured student fined 25 thousand for forcibly cutting TC Madhya Pradesh Human Rights Commission | छात्र को प्रताड़ित किया, जबरन टीसी काटने पर 25 हजार का जुर्माना

छात्र निखिल रघुवंशी के शिक्षा प्राप्त करने के संरक्षण और उसके शिक्षा के अधिकार की उपेक्षा की गई.

Highlightsप्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करें.निखिल रघुवंशी को 25 हजार रुपए का जुर्माना राशि एक माह में देने की अनुशंसा की है.

भोपालः मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग ने गुना जिले के आवेदक नरेन्द्र रघुवंशी के आवेदन पर राज्य शासन को आवेदक के पुत्र निखिल रघुवंशी को 25 हजार रुपए का जुर्माना राशि एक माह में देने की अनुशंसा की है.

अनुशंसा में आयोग ने यह भी कहा है कि स्कूल शिक्षा विभाग निजी विद्यालयों द्वारा अभिभावकों की रिक्वेस्ट के बिना एकतरफा कार्रवाई के अधीन किसी भी विद्यार्थी की ट्रांसफर सर्टिफिकेट (टीसी) जारी करने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाये जाने के लिये प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करें.

आयोग के अनुुसार आवेदक नरेन्द्र रघुवंशी ने अपने आवेदन में जिक्र किया कि नील वर्ल्ड स्कूल, गुना के संचालक इकराम खान, स्कूल प्राचार्य एवं स्टॉफ द्वारा प्रार्थी के नाबालिग पुत्र के साथ खिलवाड़ कर जबरदस्ती टीसी काट देने शिकायत की गई थी.

इस मामले में आयोग द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी, गुना से विस्तृत प्रतिवेदन मांगा गया था. तत्समय पदस्थ जिला शिक्षा अधिकारी, गुना द्वारा मामले की जांच तो अवश्य कराई गई, परन्तु न तो केस की वास्तविकता को जानने का प्रयास किया गया और न ही नील वर्ल्ड स्कूल प्रबंधन द्वारा बिना अभिभावक के रिक्वेस्ट से आवेदक के पुत्र को टीसी जारी करने वाले कृत्य को सीबीएसई के नियमोंं के विरुद्ध पाकर कोई कार्रवाई की. इससे छात्र निखिल रघुवंशी के शिक्षा प्राप्त करने के संरक्षण और उसके शिक्षा के अधिकार की उपेक्षा की गई.

पुलिस अभिरक्षा एवं जेल में बंदी की मौत पर पांच-पांच लाख देने की अनुशंसा

मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग ने दो अलग-अलग मामलों में राज्य शासन से पुलिस अभिरक्षा एवं जेल में बंदी की मौत पर मृतकों के निकटतम उत्तराधिकारियों को पांच-पांच लाख रुपए एक माह में देने की अनुशंसा की है. म.प्र. मानव अधिकार आयोग के अनुसार सिवनी जिले के छपारा पुलिस थाने में अभिरक्षा में संदेही सुरेश सनोडिया की मौत हो जाने तथा प्रकरण क्र. 1883, ग्वालियर, 2017 में दण्डित बंदी शेख नसरूल्ला की जेल अभिरक्षा में पहरे के दौरान आई चोटों के कारण उसकी मृत्यु हो जाने के मामले में यह अनुशंसाएं की हैं.

सिवनी वाले प्रकरण में आयोग द्वारा एक दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित खबर प्रताड़ना की घटना को तोड़-मरोड़कर पेश कर रही पुलिस  पर 2 अगस्त 2019 को संज्ञान में लिया गया था.  सुरेश पिता मंगलप्रसाद सनोडिया को अपराध क्र. 277, 19 धारा 302, 201 भादवि में पूछताछ की जा रही थी.

इस दौरान सुरेश कमरे से अचानक बाहर भागा और छत से नीचे कूद गया. उसे छपारा के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ले जाया गया, जहां उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गई. इससे अभिरक्षा में लेने के पश्चात उसके जीवन, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के अधिकार के संरक्षण के दायित्व की उपेक्षा से उसकी मृत्यु एवं उसके मानव अधिकारों की घोर उपेक्षा हुई.

ग्वालियर वाले प्रकरण में अधीक्षक, केन्द्रीय जेल, ग्वालियर की सूचना पर 20 मार्च 2017 को यह प्रकरण संज्ञान में लिया गया था, केन्द्रीय जेल अधीक्षक की सूचना के अनुसार दण्डित बंदी शेख नसरूल्ला, जो गम्भीर हालत में जे.ए.एच. ग्वालियर में उपचार हेतु 10 मार्च 2017 को भर्ती हुआ था, की तबीयत में सुधार न होने पर उसे एम्स, नई दिल्ली रेफर किया गया था, जहां उपचार के दौरान 20 मार्च 2017 को उसकी मृत्यु हो गई. इससे मृतक के जीवन, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के मानव अधिकारों की घोर उपेक्षा हुई. अत: दोनों ही मामलों में आयोग द्वारा राज्य शासन को दोनों मृतकों के निकटतम उत्तराधिकारियों को पांच-पांच लाख रुपए क्षतिपूर्ति राशि एक माह में दे देने की अनुशंसा की है.

Web Title: bhopal Tortured student fined 25 thousand for forcibly cutting TC Madhya Pradesh Human Rights Commission

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