भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन को सूचीबद्ध कराने के लिए 90 फीसदी दस्तावेज डब्ल्यूएचओ को सौंपे : सूत्र

By भाषा | Updated: May 24, 2021 22:46 IST2021-05-24T22:46:32+5:302021-05-24T22:46:32+5:30

Bharat Biotech handed over 90 per cent documents to WHO for listing covaxine: sources | भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन को सूचीबद्ध कराने के लिए 90 फीसदी दस्तावेज डब्ल्यूएचओ को सौंपे : सूत्र

भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन को सूचीबद्ध कराने के लिए 90 फीसदी दस्तावेज डब्ल्यूएचओ को सौंपे : सूत्र

नयी दिल्ली, 24 मई भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) ने सरकार को सूचित किया है कि उसने कोवैक्सीन से जुड़े 90 प्रतिशत दस्तावेज पहले ही डब्ल्यूएचओ में जमा करा दिए हैं ताकि टीके को आपात इस्तेमाल के लिये सूचीबद्ध (ईयूएल) कराया जा सके। उसने कहा कि शेष विवरण भी अगले महीने दे दिये जाएंगे। सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि एक अलग घटनाक्रम में बीबीआईएल अमेरिका में छोटे पैमाने पर कोवैक्सीन के तीसरे चरण के चिकित्सीय परीक्षण के लिए अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (यूएएफडीए) के साथ वार्ता के अंतिम दौर में है।

सूत्रों ने बताया कि कोवैक्सीन को डब्ल्यूएचओ से ईयूएल दिलाने के मुद्दे पर चर्चा के लिए बीबीआईएल के शीर्ष अधिकारियों और स्वास्थ्य मंत्रालय, जैव प्रौद्योगिकी विभाग और विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच बैठक हुई।

उल्लेखनीय है कि डल्ब्यूएचओ द्वारा ईयूएल उत्पाद की सुरक्षा और प्रभाव को प्रतिबिंबित करती है। पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा उत्पादित कोविशील्ड नाम के टीके को विश्व निकाय ने आपात इस्तेमाल अनुमति सूची में सूचीबद्ध किया है।

कोविड-19 टीके के समान वितरण की वैश्विक पहल ‘कोवैक्स’ में टीके को शामिल कराने के लिए भी डब्ल्यूएचओं की मान्यता की जरूरत है।

सूत्रों ने बताया, ‘‘बीबीआईएल डब्ल्यूएचओ की आपात इस्तेमाल सूची में कोवैक्सीन के सूचीबद्ध होने को लेकर आश्वस्त है और इसमें विदेश मंत्रालय हर संभव सहायता करेगा। ’’

सूत्रों ने बताया कि बीबीआईएल ने रेखांकित किया है कि उसने कोवैक्सीन से जुड़े 90 प्रतिशत जरूरी दस्तावेज पहले ही डब्ल्यूएचओ में जमा करा दिए हैं और बाकी के जून तक जमा कराने की उम्मीद है।

बीबीआईएल ने अप्रैल में डब्ल्यूएचओ के ईयूएल के लिए आवेदन किया था।

उन्होंने बताया कि कोवैक्सीन को पहले ही 11 देशों से नियामकीय मंजूरी मिल चुकी है।

सूत्रों ने बताया कि सात देशों की 11 कंपनियों ने कोवैक्सीन के उत्पादन के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण में रुचि दिखाई है।

सूत्रों ने बताया कि बीबीआईएल ब्राजील और हंगरी में कोवैक्सीन की नियामकीय मंजूरी हेतु जरूरी दस्तावेजों को जमा कराने की प्रक्रिया के अंतिम चरण में है।

सूत्र ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि दोनों देश द्विपक्षीय स्तर पर गहन चर्चा कर रहे हैं।

उन्होंने बताया, ‘‘बीबीआईएल इन देशों के नियामकों के नियमित संपर्क में है। उन्हें अपने डोजियर पर भरोसा है, क्योंकि उनके पास लंबे अवधि के आंकड़े हैं जो एंटीबॉडी के छह महीने बाद और आठ महीने बाद भी बने रहने की जानकारी देते हैं।’’

उन्होंने बताया, बीबीआईएल ने बैठक में स्पष्ट किया कि सभी नियामकीय मंजूरी पूर्व तरीख और बाद के लिए प्रभावी होगी।

उन्होंने बताया कि किसी भी देश ने ‘टीका पासपोर्ट’ लागू नहीं किया है और दुनिया के विभिन्न देशों की मंजूरी की अपनी व्यवस्था है, अधिकतर मामलों में यात्रा के दौरान आरटी-पीसीआर जांच में कोविड-19 नेगेटिव होने के प्रमाणपत्र की जरूत है।

गौरतलब है कि सीरम इंस्टीट्यूट का कोविशील्ड और भारत बायोटेक का कोवैक्सीन देश में कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण का हिस्सा है और कुछ खबरें आई थीं कि जिन भारतीयों ने कोवैक्सीन की खुराक ली हैं उन्हें विदेश यात्रा करने में परेशानी आ रही है क्योंकि इस टीके को मान्यता नहीं मिली है।

उन्होंने बताया कि बीबीआईएल की ईयूएल को लेकर सरकार के साथ हुई बैठक में कंपनी के प्रबंध निदेशक वी. कृष्णा मोहन और उनके सहयोगियों के साथ स्वास्थ्य मंत्रालय, जैव प्रौद्योगिकी विभाग और विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

सूत्रों के मुताबिक बैठक में शमिल होने वालों में विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला भी थे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Bharat Biotech handed over 90 per cent documents to WHO for listing covaxine: sources

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे