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भंडारा हादसा: महाराष्ट्र सरकार अलर्ट, डिप्टी सीएम अजित पवार बोले- सभी हॉस्पिटल का होगा फायर ऑडिट, 5 लाख मुआवजा

By राजेन्द्र सिंह गुसाईं | Updated: January 9, 2021 14:08 IST

भंडारा के जिला सामान्य अस्पताल के शिशु विभाग के यूनिट में शुक्रवार देर रात अचानक लगी आग में 10 नवजात शिशुओं की झुलस जाने से मौत हो गई...

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ठळक मुद्देभंडारा जिला अस्पताल के बाद महाराष्ट्र सरकार अलर्ट।डिप्टी सीएम अजित पवार ने दिया सभी जिला अस्पतालों का ऑडिट करने का आदेश।मृतकों के परिवार को 5-5 लाख का मुआवजा।

Bhandara District General Hospital fire: महाराष्ट्र के भंडारा जिला अस्पताल में आग लगने से 10 नवजात बच्चों की जान चली गई। शुक्रवार रात 2 बजे हुई इस घटना के पीछे का कारण शॉर्ट सर्किट को बताया जा रहा है।

अजित पवार ने दिया महाराष्ट्र के सभी जिला अस्पतालों के ऑडिट का आदेश

इस भयानक हादसे के बाद महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने राज्य के सभी जिला अस्पतालों का फायर ऑडिट करने का आदेश दिया गया है। हादसे के वक्त स्पेशल न्यूबॉर्न यूनिट में 17 नवजात मौजूद थे, जिनमें से 7 मासूमों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।

पीड़ित परिवारों को 5-5 लाख का मुआवजा

स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे इस घटना पर गहरा दुख जताया है और मृत शिशुओं के परिवारों को 5-5 लाख रुपये सहायता देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा है घटना की उच्चस्तरीय जांच की जाएगी और इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो, जिसके लिए प्रभावी उपाय किए जाएंगे।

सीएम उद्धव ठाकरे ने दिए जांच के आदेश

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भंडारा जिला अस्पताल में आग लगने की घटना में नवजात बच्चों की मौत पर दु:ख व्यक्त करते हुए मामले की जांच के आदेश दिए हैं। 

मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में बताया गया है कि घटना की जानकारी मिलने के तुरंत बाद ठाकरे ने स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे से बातचीत की। बयान में कहा गया, ‘‘मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से बातचीत करके उन्हें जांच करने के लिए कहा है।’’

भंडारा अस्पताल हादसे पर एनसीपीसीआर ने प्रशासन से रिपोर्ट तलब की

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने महाराष्ट्र के भंडारा जिले के एक अस्पताल में आग लगने से 10 शिशुओं की मौत की घटना पर दुख व्यक्त करते हुए शनिवार को जिले के कलेक्टर से कहा कि वह 48 घंटे के भीतर इस मामले में तथ्यात्मक रिपोर्ट दें। 

आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो के मुताबिक, एनसीपीसीआर ने भंडारा के कलेक्टर को पत्र भेजकर कहा कि इस मामले की जांच की जाए। एनसीपीसीआर ने कहा, ‘‘पत्र मिलने के 48 घंटे के भीतर इस मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट और दूसरे जरूरी दस्तावेज आयोग के पास भेजे जाएं।’’ 

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