महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में चल रही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की तीन दिवसीय बैठक शुक्रवार (2 नंवबर) को खत्म हो गई है। बैठक खत्म होने के बाद आरएसएस के सरकार्यवाहक भैय्या जी जोशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और राम मंदिर को लेकर बड़ा बयान दिया है। साथ ही साथ उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष अमित शाह और संघ प्रमुख मोहन भागवत के बीच हुई बैठक की पुष्टि की।
उन्होंने राम मंदिर पर पूछे गए सवाल को लेकर कहा है, 'राम मंदिर बने ये सबकी इच्छा है। राम सब के हृदय में हैं पर वो प्रकट होते हैं मंदिरों के द्वारा। हम चाहते हैं कि मंदिर बने। काम में कुछ बाधाएं अवश्य हैं और हम अपेक्षा कर रहे हैं कि न्यायालय हिन्दू भावनाओं को समझकर निर्णय देगा।'
वहीं, 31 अक्टूबर को अयोध्या में जल्द से जल्द राम मंदिर निर्माण की पैरवी करते हुए आरएसएस ने कहा था कि मंदिर निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण को लेकर कानून बनाना चाहिए ठीक उसी तरह जैसे सरदार वल्लभभाई पटेल ने गुजरात में सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण कराया था।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने केंद्र से 1994 में उच्चतम न्यायालय में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा उच्चतम न्यायालय में किये गए वादों को पूरा करने का अनुरोध किया था। संघ ने कहा था कि तत्कालीन सरकार इस बात पर सहमत हो गयी थी कि यदि बाबरी मस्जिद बनने से पहले वहां मंदिर होने के साक्ष्य पाये गये तो वह हिन्दू समुदाय का साथ देगी।