पश्चिम बंगाल चुनाव में पहले चरण में 30 सीटों पर 79.79 प्रतिशत मतदान, जानिए दिन भर का हाल
By भाषा | Updated: March 27, 2021 20:57 IST2021-03-27T20:33:09+5:302021-03-27T20:57:34+5:30
पश्चिम बंगाल में पहले चरण में शनिवार को 30 सीटों पर वोट डाले गए। इस दौरान कुछ जगहों पर हिंसा के भी मामले सामने आए।

पश्चिम बंगाल में पहले चरण का मतदान खत्म (फोटो- एएनआई)
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के पहले चरण में शनिवार को कई जगहों से हिंसा की छिटपुट घटनाओं की सूचना है। वहीं पहले चरण में शाम पांच बजे तक 79.79 प्रतिशत मतदान हुआ।
पहले चरण में राज्य में कड़ी सुरक्षा के बीच 30 सीटों पर मतदान हुआ, जिनमें से कई सीटें कभी नक्सल प्रभावित इलाका रहे जंगल महल में हैं। कुछ मतदान केन्द्रों पर मतदाताओं को मास्क, सेनेटाइजर और पॉलिथिन के दस्ताने दिए गए।
निर्वाचन आयोग (ईसी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘शाम पांच बजे तक 79.79 प्रतिशत मतदान हुआ। मतदान कमोबेश शांतिपूर्ण रहा।’’
पश्चिम बंगाल: किस जिले में कितनी वोटिंग
पूर्व मेदिनीपुर में सर्वाधिक 82.51 प्रतिशत, इसके बाद झाड़ग्राम में 80.56 प्रतिशत, पश्चिम मेदिनीपुर में 80.12 प्रतिशत, बांकुड़ा में 79.90 प्रतिशत और पुरुलिया में 77.07 प्रतशित मतदान हुआ। हालांकि कुछ इलाकों में मतदान केन्द्र पर हुई हिंसा से मतदान प्रक्रिया प्रभावित हुई।
पूर्व मेदिनीपुर जिले के कांठी दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं ने ईवीएम मशीनों में कथित रूप से खराबी आने पर एक मतदान केंद्र के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने माजना में मतदान केंद्र के बाहर सड़क बाधित की और आरोप लगाया कि वीवीपीएटी पर्चे में दिख रहा है कि उन्होंने जिस पार्टी के लिए मतदान किया है, उसके बजाए मत किसी अन्य पार्टी को पड़ा है।
निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि हालात को नियंत्रण में करने के लिए घटनास्थल पर केंद्रीय बलों के दस्ते को भेजा गया और बाद में वीवीपैट मशीन को बदला गया।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पश्चिमी मिदनापुर जिले में एक रैली में दावा किया कि भाजपा ने ईवीएम में गड़बड़ी की है और केन्द्रीय बलों के माध्यम से मतदाताओं को डरा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘आज कांठी के कुछ मतदान केन्द्रों पर वीवीपैट से दिखा कि वोट भाजपा के पक्ष में पड़ रहे हैं, फिर चाहे मतदाता किसी अन्य पार्टी के चुनाव चिन्ह का बटन क्यों ना दबा रहा हो। कुछ जगहों पर केन्द्रीय बलों को मतदाताओं को धमकाते हुए देखा गया।’’
शुभेंदु अधिकारी के छोटे भाई हमला
भारतीय जनता पार्टी के नेता शुभेंदु अधिकारी के छोटे भाई सौमेंदु ने दावा किया कि कांठी में तृणमूल समर्थकों ने उनपर हमला किया और उनकी कार में तोड़फोड़ की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि हमले में उनका चालक घायल हो गया।
सौमेंदु ने कहा, ‘‘मैं कांठी से गुजर रहा था, रास्ते में तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने मेरी कार पर ईंट फेंके और उसके शीशे तोड़ दिए। ऐसा लगता है कि आसन्न हार को देखकर उनका दिमाग बौखला गया है।’’
दांतां विधानसभा क्षेत्र के मोहनपुर में बूथ कब्जा करने के कथित प्रयास के बाद तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प में चार लोग घायल हो गए हैं।
पश्चिम मेदिनीपुर के केशियारी में स्थानीय लोगों ने सिर्फ एक पार्टी के पक्ष में वोट पड़ने का दावा करते हुए प्रदर्शन किया जिसपर सुरक्षा बलों को लाठी चार्ज करना पड़ा। बाद में प्रदर्शनकारियों ने यह आरोप लगाते हुए सड़क जाम किया कि सुरक्षा बलों ने घर-घर जाकर महिलाओं को पीटा है।
पुलिस ने बताया कि केशियारी के बेगमपुर में दिन में एक व्यक्ति का शव मिला जिसकी पहचान मंगल सोरेन के रूप में हुई है।
भाजपा नेताओं ने दावा किया कि सोरेन पार्टी का समर्थक था और तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने उसकी हत्या की है, हालांकि सत्तारूढ़ दल ने आरोप को खारिज किया है। वहीं जिला प्रशासन ने चुनाव आयोग को भेजे रिपोर्ट में कहा है कि मौत का चुनावी प्रक्रिया से कोई लेना-देना नहीं है।
वहीं पुरुलिया से भाजपा नेता दीपक बौरी ने दावा किया कि विधानसभा क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार सुजॉय बंदोपाध्याय ने कहासुनी के दौरान उनकी गोली मारकर हत्या करने की धमकी दी है।
मेदिनीपुर के सालबोनी इलाके में टीएमसी और भाजपा समर्थकों में हाथापाई
पुलिस ने बताया कि पश्चिमी मेदिनीपुर के सालबोनी इलाके में तृणमूल के कथित समर्थकों ने माकपा उम्मीदवार सुशांत घोष से हाथापाई की और उनके वाहन पर पथराव किया। घटना की रिपोर्टिंग कर रहे कुछ पत्रकारों से भी हाथापाई की गई।
चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि घटना के संबंध में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है और जिला प्रशासन से एक रिपोर्ट मांगी गई है। तृणमूल ने इसमें किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है।
मतदान शुरू होने से पहले ही कई मतदान केंद्रों के बाहर लंबी कतारें देखी गई। कई लोग गर्मी से बचने और बाद में हिंसा हो सकने की आशंका के कारण सुबह-सुबह ही मतदान के लिए पहुंचे।
मेदिनीपुर और एग्रा के भगवानपुर समेत कई इलाकों के मतदाताओं ने केंद्रीय बलों से उन्हें धमकाए जाने की शिकायत की। बलों ने उन्हें सुरक्षा का भरोसा दिलाया और वे उन्हें मतदान केंद्र लेकर गए।
इसके अलावा, भाजपा और तृणमल पर मतदाताओं को भोजन के पैकेट, चाय और नाश्ता देकर उन्हें प्रभावित करने की कोशिश करने के आरोप लगे हैं।
निर्वाचन आयोग (ईसी) के अधिकारी ने बताया कि अभी तक 107 ईवीएम के काम न करने का पता चला है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे सेक्टर अधिकारियों ने 47 ईवीएम को फिर से चालू कर दिया है और बाकी को ठीक किया जा रहा है।’’
तृणमूल कांग्रेस ने कई मतदान केंद्रों पर ईवीएम में गड़बड़ी और आयोग की मोबाइल ऐप पर मतदाताओं की संख्या संबंधी आंकड़ों के ऊपर-नीचे होने पर चिंता जताई ।
कोरोना वायरस के फिर से फैलने के बावजूद ज्यादातर मतदाताओं और राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं को बिना मास्क लगाए देखा गया। कुछ मतदान केंद्रों पर मतदाताओं को मास्क दिए गए जबकि ज्यादातर जगहों पर सैनेटाइजर और पॉलिथीन दस्ताने दिए गए।
राज्य 30 सीटों पर 73 लाख से अधिक मतदाता 191 उम्मीदवारों के राजनीतिक भाग्य का फैसला करेंगे। निर्वाचन आयोग ने 7,061 परिसरों में बनाए 10,288 मतदान केंद्रों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय बलों की करीब 730 टुकड़ियों को तैनात किया है।
शनिवार को जिन 30 सीटों के लिए मतदान हुआ है 2016 में तृणमूल कांग्रेस ने 27 सीटों पर जीत हासिल की थी। बाकी तीन सीटें वाम मोर्चा कांग्रेस गठबंधन के खाते में गयी थीं।