पुलिस बल में दाढ़ी रखना संवैधानिक अधिकार नहीं : उच्च न्यायालय

By भाषा | Updated: August 23, 2021 21:46 IST2021-08-23T21:46:58+5:302021-08-23T21:46:58+5:30

Beard in police force is not a constitutional right: High Court | पुलिस बल में दाढ़ी रखना संवैधानिक अधिकार नहीं : उच्च न्यायालय

पुलिस बल में दाढ़ी रखना संवैधानिक अधिकार नहीं : उच्च न्यायालय

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने कहा है कि पुलिस बल में दाढ़ी रखना संवैधानिक अधिकार नहीं है । यह कहकर अदालत ने उत्तर प्रदेश पुलिस में दाढी रखने पर रोक के खिलाफ दाखिल याचिका को खारिज कर दिया। अदालत ने याचिका दाखिल करने वाले सिपाही के खिलाफ जारी निलम्बन आदेश व आरोप पत्र में भी दखल देने से इंकार कर दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ ने अयोध्या जनपद के खंडासा थाने में तैनात रहे सिपाही मोहम्मद फरमान की दो अलग-अलग याचिकाओं पर एक साथ पारित किया। पहली याचिका में पुलिस महानिदेशक द्वारा 26 अक्टूबर 2020 को जारी सर्कुलर के साथ-साथ याची ने अपने खिलाफ पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अयोध्या द्वारा पारित निलम्बन आदेश को चुनौती दी थी। वहीं दूसरी याचिका में विभागीय अनुशासनात्मक कार्यवाही में याची के खिलाफ जारी आरोप पत्र को चुनौती दी गई थी। याची का कहना था कि संविधान में प्रदत्त धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के तहत उसने मुस्लिम सिद्धांतों के आधार पर दाढी रखी हुई है। याचिका का सरकारी वकील ने विरोध किया। उन्होंने दोनों ही याचिकाओं के गुण-दोष पर सवाल उठाए। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के पश्चात पारित अपने निर्णय में कहा कि 26 अक्टूबर 2020 का सर्कुलर एक कार्यकारी आदेश है, जो पुलिस बल में अनुशासन को बनाए रखने के लिए जारी किया गया है। पुलिस बल को एक अनुशासित बल होना चाहिए और एक कानून प्रवर्तन एजेंसी होने के कारण इसकी छवि भी सेक्युलर होनी चाहिए। अदालत ने कहा कि अपने एसएचओ (थाना प्रभारी) की चेतावनी के बावजूद दाढी न कटवा कर याची ने कदाचरण किया है। 12 अगस्त 2021 को याचिका को खारिज करते हुए पीठ ने अधिकारियों को याचिकाकर्ता के खिलाफ कानून के अनुसार विभागीय जांच पूरी करने का निर्देश दिया।

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Web Title: Beard in police force is not a constitutional right: High Court

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