कोरोना से जंग: सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए गांव के प्रवेश रास्ते पर लगाई बैरिकेटिंग, लिखा- बाहरी का प्रवेश वर्जित है
By एस पी सिन्हा | Updated: March 29, 2020 17:03 IST2020-03-29T17:03:19+5:302020-03-29T17:03:19+5:30
कोरोना वायरस के संक्रमण से रोजाना बढते मौत के आंकडों के बीच वायरस की चेन तोड़ने के लिए लगाए गए लॉकडाउन को लेकर जहां शहरों में पुलिस को सख्ती बरतनी पड़ रही है,तो वहीं गांवों के लोगों में गजब की जागरूकता देखने को मिल रही है।

सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए गांव के प्रवेश रास्ते पर लगाई बैरिकेटिंग (Photo-social media)
कोरोना वायरस के संक्रमण से रोजाना बढते मौत के आंकडों के बीच वायरस की चेन तोड़ने के लिए लगाए गए लॉकडाउन को लेकर जहां शहरों में पुलिस को सख्ती बरतनी पड़ रही है,तो वहीं गांवों के लोगों में गजब की जागरूकता देखने को मिल रही है। गांवों में लोग खुद पहल कर घरों से बेवजह बाहर नहीं निकल रहे हैं। वहीं बिहार के कई गांवों में लोगों के द्वारा बाहरी लोगों के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दिये जाने की बातें सामने आई हैं।गांव के दोनों छोर पर बैरिकेडिंग लगाकर बाहरी लोगों का प्रवेश रोक दिया गया है।
जानकारी के अनुसार बिहार के गांवों में ग्रामीण खुद को ही 'लॉकडाउन' कर रहे हैं। इसके लिए ग्रामीणों ने गांव में आने वाली सभी सडकों पर बैरिकेडिंग कर गांव में आने-जाने वाले सभी रास्तों पर पहरा बैठा दिया है। ग्रामीण लोगों ने गांव में आने वाली सभी सडकों पर बैरिकेडिंग लगा दी है। साथ ही आपसी सहमती के बाद पूरे गांव को सील कर गांव के बाहर बोर्ड लगा दिया है. गांव के लोगों ने खुद के बाहर निकलने और किसी भी बाहरी के गांव में आने जाने पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी है।
ग्रामीणों ने कोरोना वायरस की चेन को तोडने के लिए गांव वालों ने सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने को अलग तरकीब निकाली है। लकड़ी की बैरिकेडिंग कर हैंडमेड बैनर भी लगा दिया है। इसमें संदेश लिखा था- कोरोना के कारण गांव में बाहरी लोगों का प्रवेश वर्जित है। लोगों का कहना है कि अगर किसी को जरूरी सामान लाने जाना होता है तो एक आदमी घर से निकलता है और बाजार जाकर सामान लाता है। यही नही गांव के लोग वहां पाली बांटकर पहरा दे रहे हैं। ऐसे लोगों को निर्देश है कि इमरजेंसी मेडिकल सुविधा और प्रशासन के लोगों और आवश्यक सामग्री को छोड किसी को भी आने जाने से रोके।
ग्रामीणों का कहना है कि जब प्रधानमंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आम जनता के लिए पहल कर रहे है, तो हमें भी उनका साथ देना चाहिए। अगर हम सभी अपने थोडे से प्रयास से यहां के लोगों को सोशल डिस्टेनिंग कर सकते हैं। अगर सभी गांव के लोग ऐसा करें तो आसानी से कोरोना को हराया जा सकता है।