Bangladesh Hindu Violence: कोलकाता के बाद त्रिपुरा?, अस्पताल के बाद होटल और रेस्तरां में बांग्लादेशियों की नो एंट्री!, जानें बांग्लादेश हालात पर अपडेट

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 3, 2024 13:21 IST2024-12-03T13:21:03+5:302024-12-03T13:21:52+5:30

Bangladesh Hindu Violence: भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। हमारे राष्ट्रध्वज का अपमान किया गया और बांग्लादेश में कट्टरपंथियों का एक वर्ग अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न कर रहा है।

Bangladesh Hindu Violence live kolkata to tripura hospital no entry Bangladeshis in hotels and restaurants Know updates situation in Bangladesh watch see video | Bangladesh Hindu Violence: कोलकाता के बाद त्रिपुरा?, अस्पताल के बाद होटल और रेस्तरां में बांग्लादेशियों की नो एंट्री!, जानें बांग्लादेश हालात पर अपडेट

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Highlightsबांग्लादेश में मौजूदा स्थिति वास्तव में चिंताजनक है।निर्णय सोमवार को हुई एक आपातकालीन बैठक में लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ किए जा रहे व्यवहार की निंदा करते हैं।

Bangladesh Hindu Violence: बांग्लादेश में भारतीय ध्वज का अपमान किए जाने के मद्देनजर ‘ऑल त्रिपुरा होटल एंड रेस्टोरेंट ओनर्स एसोसिएशन (एटीएचआरओए)’ ने बांग्लादेशी पर्यटकों को अपनी सेवाएं उपलब्ध नहीं कराने का निर्णय लिया है। एसोसिएशन ने यह जानकारी दी है। एटीएचआरओए के महासचिव सैकत बंद्योपाध्याय ने बताया कि यह निर्णय सोमवार को हुई एक आपातकालीन बैठक में लिया गया। उन्होंने कहा, ‘‘भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। हमारे राष्ट्रध्वज का अपमान किया गया और बांग्लादेश में कट्टरपंथियों का एक वर्ग अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न कर रहा है। पहले भी ऐसी घटनाएं होती थीं, लेकिन अब सभी हदें पार हो गई हैं।’’ बंद्योपाध्याय ने कहा, ‘‘बांग्लादेश में मौजूदा स्थिति वास्तव में चिंताजनक है।’’

 

उन्होंने कहा, ‘‘हम बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ किए जा रहे व्यवहार की निंदा करते हैं।’’ इससे पहले, निजी अस्पताल ‘आईएलएस हॉस्पिटल’ ने पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों पर किए जा रहे अत्याचारों के विरोध में बांग्लादेश के किसी भी मरीज का इलाज नहीं करने की घोषणा की थी। कोलकाता के एक अस्पताल द्वारा अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ कथित अत्याचारों को लेकर बांग्लादेश के मरीजों का इलाज नहीं करने का फैसला करने के एक दिन बाद अगरतला स्थित मल्टी-स्पेशियलिटी निजी अस्पताल ने भी शनिवार को ऐसा ही निर्णय लिया था।

अगरतला स्थित आईएलएस अस्पताल, जो अपनी निकटता और किफायती उपचार लागत के कारण पड़ोसी देश के मरीजों के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य रहा है, ने कहा कि यह निर्णय बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार और राष्ट्रीय ध्वज के अपमान पर लिया गया था। इससे पहले शुक्रवार को उत्तरी कोलकाता के जेएन रे अस्पताल ने इन्हीं कारणों से पड़ोसी देश के मरीजों का इलाज बंद कर दिया था।

प्रदर्शनकारियों के एक समूह के दबाव के बाद अगरतला स्थित आईएलएस अस्पताल ने बांग्लादेशी नागरिकों का इलाज नहीं करने का फैसला किया। आईएलएस अस्पताल के मुख्य संचालन अधिकारी, गौतम हजारिका ने निर्णय की पुष्टि करते हुए कहा, ‘‘हम अपने अस्पताल में बांग्लादेश के लोगों का इलाज नहीं करने की मांग का पूरा समर्थन करते हैं। 

त्रिपुरा: बांग्लादेश सहायक उच्चायोग परिसर में घुसपैठ को लेकर चार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई

त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में स्थित बांग्लादेश सहायक उच्चायोग परिसर में घुसपैठ के सिलसिले में चार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई और सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। पश्चिम त्रिपुरा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) किरण कुमार के. ने बताया कि कथित लापरवाही के लिए तीन उपनिरीक्षकों को निलंबित कर दिया गया है।

एक पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) को कहा गया है कि वे पुलिस मुख्यालय में रिपोर्ट करें। उन्होंने कहा, ‘‘इस घटना को लेकर न्यू कैपिटल कॉम्प्लेक्स (एनसीसी) पुलिस स्टेशन में स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया गया है। घटना में कथित संलिप्तता के लिए अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।’’ एसपी ने कहा कि पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है और कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

एसपी ने बताया कि घटना के बाद वाणिज्य दूतावास में सुरक्षा बढ़ा दी गई तथा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और त्रिपुरा स्टेट राइफल्स (टीएसआर) के जवानों को तैनात किया गया। यह घटना सोमवार को उस समय हुई जब हिंदू संघर्ष समिति के कार्यकर्ता, हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे।

घटना की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा, ‘‘विरोध रैली के दौरान युवाओं के एक समूह ने अगरतला में बांग्लादेश के सहायक उच्चायोग कार्यालय में घुसने की कोशिश की। मैं घटना की निंदा करता हूं। शांतिपूर्ण विरोध की अनुमति दी जा सकती है लेकिन इस तरह का व्यवहार स्वीकार्य नहीं है।’

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