बैलेट पेपर से मतदान नहीं, मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा- ईवीएम सेफ, छेड़छाड़ की गुंजाइश से इंकार
By भाषा | Updated: February 13, 2020 14:31 IST2020-02-13T14:31:24+5:302020-02-13T14:31:24+5:30
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि ईवीएम का इस्तेमाल पिछले 20 सालों से किया जा रहा है और उच्चतम न्यायालय सहित अन्य अदालतें ईवीएम को मतदान के लिये सही ठहरा चुकी है, ऐसे में ईवीएम के बजाय मतपत्र की ओर वापस लौटने का सवाल ही नहीं उठता है।

मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने स्पष्ट किया कि इसका अर्थ यह नहीं होगा कि लोग घर बैठे ही मतदान कर सकेंगे, बल्कि दूरस्थ मतदान के लिये मतदाता को मतदान केन्द्र पर जाना होगा।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में छेड़छाड़ की गुंजाइश से इंकार करते हुये कहा है कि मतदान के लिये मतपत्र की ओर लौटने की अब कोई गुंजाइश नहीं है।
अरोड़ा ने कहा कि जिस प्रकार से किसी कार या पेन का दुरुपयोग किया जा सकता है उसी तरह ईवीएम का भी दुरुपयोग तो किया जाना तो संभव है लेकिन इसमें छेड़छाड़ कर कोई गड़बड़ी नहीं की जा सकती है। अरोड़ा ने कहा कि ईवीएम का इस्तेमाल पिछले 20 सालों से किया जा रहा है और उच्चतम न्यायालय सहित अन्य अदालतें ईवीएम को मतदान के लिये सही ठहरा चुकी है, ऐसे में ईवीएम के बजाय मतपत्र की ओर वापस लौटने का सवाल ही नहीं उठता है।
उन्होंने कहा कि आयोग चुनाव सुधारों, खासकर चुनाव आचार संहिता के पालन को सुनिश्चित करने के लिये विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ विचार विमर्श की प्रक्रिया को आगे बढ़ायेगा। सम्मेलन में लोकसभा और सभी विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराये जाने से जुड़े एक सवाल के जवाब में अरोड़ा ने कहा कि इस बारे में राजनीतिक दलों की सहमति से सरकार को फैसला करना है।
इस दिशा में किये गये फैसले को आयोग लागू कर सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि आयोग किसी स्थान के मतदाता को किसी अन्य स्थान से मतदान करने की सुविधा को भी मुहैया कराये जाने की परियोजपना पर काम कर रहा है।
अरोड़ा ने उदाहरण देकर बताया कि इस व्यवस्था के तहत अगर राजस्थान का कोई मतदाता चेन्नई में कार्यरत है तो वह राजस्थान में चुनाव होने पर चेन्नई से ही मतदान कर सकेगा। उन्होंने बताया कि इस परियोजना पर आयोग के विशेषज्ञ आईआईटी मद्रास के साथ मिल कर काम कर रहे हैं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि इसका अर्थ यह नहीं होगा कि लोग घर बैठे ही मतदान कर सकेंगे, बल्कि दूरस्थ मतदान के लिये मतदाता को मतदान केन्द्र पर जाना होगा। उल्लेखनीय है कि इस व्यवस्था को लागू करने के लिये मौजूदा कानून में बदलाव की जरूरत होगी।