यूपीपीसीएल के पूर्व पबंध निदेशक ए पी मिश्र की जमानत याचिका मंजूर

By भाषा | Updated: July 17, 2021 20:00 IST2021-07-17T20:00:05+5:302021-07-17T20:00:05+5:30

Bail plea of former UPPCL Managing Director AP Mishra approved | यूपीपीसीएल के पूर्व पबंध निदेशक ए पी मिश्र की जमानत याचिका मंजूर

यूपीपीसीएल के पूर्व पबंध निदेशक ए पी मिश्र की जमानत याचिका मंजूर

लखनऊ, 17 जुलाई इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय की लखनऊ पीठ ने शुक्रवार को हजारों कर्मचारियों के करोड़ों रुपये के भविष्‍य निधि घोटाला मामले में उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) के पूर्व प्रबंध निदेशक अयोध्या प्रसाद मिश्र की जमानत याचिका को मंजूर कर लिया है।

उच्‍च न्‍यायालय के न्‍यायाधीश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने मिश्र की दूसरी जमानत अर्जी पर यह आदेश पारित किया है। उच्‍च न्‍यायालय ने अप्रैल 2020 में मिश्र की पहली याचिका को खारिज कर दिया था।

उच्चतम न्यायालय ने भी उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया था लेकिन उन्हें उनके बुढ़ापे और खराब स्वास्थ्य की स्थिति के लिए उच्‍च न्‍यायालय के समक्ष नई याचिका दायर करने की अनुमति दी थी। इस आदेश के अनुसार मिश्र ने उच्‍च न्‍यायालय में दूसरी जमानत याचिका दायर की थी।

याची की ओर से दलील दी गई कि वह इस मामले में लगभग दो सालों से जेल में है और वह विभिन्न बीमारियों से पीड़ित है और अब तक की जांच में आरोपी के खिलाफ केंद्रीय अन्‍वेषण ब्‍यूरो (सीबीआई) कोई भी विश्वसनीय साक्ष्य नहीं पेश कर सका है। जमानत का सीबीआई की ओर से विरोध किया गया।

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि सीबीआई मामले की जांच पिछले दो साल से कर रही है, अभियुक्त 70 वर्ष का है और हृदय रोग के अलावा अन्य बीमारियों से ग्रसित है।

अदालत ने कहा कि भविष्‍य निधि की रकम को पीएनबी हाउसिंग, एलआईसी हाउसिंग व डीएचएफएल में निवेश करने के लिए अधिकृत करने के सिवा अब तक उसके खिलाफ कोई भी दस्तावेजी साक्ष्य उक्त घोटाला मामले में शामिल होने का नहीं आया है। सह-अभियुक्त अभिनव गुप्ता ने निवेश के लिए 30 करोड़ रुपये का कमीशन देने की बात जांच एजेंसी के समक्ष कुबूल की है लेकिन उक्त कमीशन की रकम के मनी ट्रेल का भी अब तक कुछ पता नहीं लग सका है।

वहीं अदालत ने सीबीआई के अधिवक्ता से यह भी पूछा कि वह मामले की विवेचना कब तक पूर्ण कर लेगी। इस पर सीबीआई के अधिवक्ता ने सितम्बर तक विवेचना पूरी होने की सम्भावना जताई है। इस पर कोर्ट ने याची के स्वास्थ्य समेत सभी परिस्थितियों पर गौर करने के उपरांत उसे जमानत पर जेल से रिहा करने का आदेश दिया है। हालांकि याची को ट्रायल कोर्ट के समक्ष अपना पासपोर्ट जमा करने का भी आदेश दिया गया है।

आरोप के अनुसार यूपीपीसीएल के हजारों कर्मचारियों के भविष्‍य निधि का करोड़ों रुपया बैंक से निकालकर एक खस्ताहाल कंपनी में निवेश कर दिया गया था। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने इस मामले की जांच के लिए पहले एसआईटी गठित की और बाद में सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश की। सीबीआई ने मार्च 2020 में मामला दर्ज कर जांच शुरू की और इसी मामले में मिश्र को गिरफ्तार किया गया था।

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Web Title: Bail plea of former UPPCL Managing Director AP Mishra approved

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