पद्म विभूषण से सम्मानित इतिहासकार बाबासाहेब पुरंदरे नहीं रहे, ‘जाणता राजा’ नाटक से शिवाजी को घर-घर पहुंचाने का श्रेय, उपराष्ट्रपति और पीएम ने जताया शोक

By भाषा | Updated: November 15, 2021 14:38 IST2021-11-15T14:35:40+5:302021-11-15T14:38:49+5:30

29 जुलाई 1922 को जन्मे बलवंत मोरेश्वर पुरंदरे को 2019 में भारत के दूसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।

Babasaheb Purandare Padma Vibhushan awardee historian authority on Chhatrapati Shivaji passes away at 99 | पद्म विभूषण से सम्मानित इतिहासकार बाबासाहेब पुरंदरे नहीं रहे, ‘जाणता राजा’ नाटक से शिवाजी को घर-घर पहुंचाने का श्रेय, उपराष्ट्रपति और पीएम ने जताया शोक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जाने माने इतिहासकार बलवंत मोरेश्वर पुरंदरे के निधन पर शोक व्यक्त किया।

Highlights2015 में महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार दिया गया था।कृतियां मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन से संबंधित हैं।पुरंदरे ने सोमवार सुबह पांच बजे के करीब अंतिम सांस ली।

पुणेः जाने माने इतिहासकार और पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित बलवंत मोरेश्वर पुरंदरे का सोमवार को पुणे के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 99 वर्ष के थे। बाबासाहेब पुरंदरे के नाम से लोकप्रिय इतिहासकार कुछ समय से बीमार थे। एक चिकित्सक ने उनके निधन की जानकारी दी।

चिकित्सक ने बताया कि पुरंदरे निमोनिया से पीड़ित थे और उन्हें तीन दिन पहले शहर के दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रविवार को उनकी तबियत खराब हो जाने के बाद से वह अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई में वेंटिलेटर पर थे और उनकी स्थिति तभी से गंभीर थी। पुरंदरे की अधिकतर कृतियां मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन से संबंधित हैं।

अस्पताल की ओर से जारी एक बयान में बताया गया कि पुरंदरे ने सोमवार सुबह पांच बजे के करीब अंतिम सांस ली। उपनाम शिवशाहीर के नाम से विख्यात पुरंदरे ने छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन पर केंद्रित कई पुस्तकें लिखीं। दो भागों में लिखी गई 900 पृष्ठों की उनकी मराठी पुस्तक ‘राजा शिवछत्रपती’ पहली बार 1950 के दशक के अंत में प्रकाशित हुई थी और यह तब ये कई बार प्रकाशित हो चुकी है। 29 जुलाई, 1922 को जन्मे पुरंदरे को 2019 में भारत के दूसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। उन्हें 2015 में महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार दिया गया था।

मोदी समेत कई नेताओं ने पुरंदरे के निधन पर शोक व्यक्त किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जाने माने इतिहासकार बलवंत मोरेश्वर पुरंदरे के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए सोमवार को कहा कि उनके निधन से इतिहास एवं संस्कृति की दुनिया में एक बड़ा खालीपन पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि पुरंदरे के कारण भावी पीढ़ी मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी से और अधिक जुड़ाव महसूस करेगी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने भी 99 वर्षीय इतिहासकार के निधन पर शोक व्यक्त किया।

महाराष्ट्र सरकार ने बताया कि पुरंदरे का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। जाने माने इतिहासकार और पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित बलवंत मोरेश्वर पुरंदरे का सोमवार को पुणे के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 99 वर्ष के थे। बाबासाहेब पुरंदरे के नाम से लोकप्रिय इतिहासकार कुछ समय से बीमार थे। पुरंदरे की अधिकतर कृतियां मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज पर केंद्रित हैं। उनकी पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए यहां उनके निवास ‘पुरंदरेवाडा’ में रखा गया है।

उन्हें श्रद्धांजलि देने लिए सुबह से उनके आवास पर कई लोग पहुंचे हैं। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे और पुणे के महापौर मुरलीधर मोहोल समेत कई लोगों ने यहां पुरंदरे को श्रद्धांजलि दी। मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘ मैं अपने दु:ख को शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता। शिवशाहीर बाबासाहेब पुरंदरे के निधन ने इतिहास एवं संस्कृति की दुनिया में एक बड़ा खालीपन पैदा कर दिया है। पुरंदरे के कारण भावी पीढ़ी छत्रपति शिवाजी महाराज से और अधिक जुड़ाव महसूस करेगी। उनके अन्य कार्य भी सदैव याद रखे जाएंगे।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि पुरंदरे को भारतीय इतिहास का गहरा ज्ञान था। उन्होंने एक समारोह के अपने संबोधन का वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘ पिछले कुछ वर्षों में मुझे उनसे अत्यंत निकटता से बात करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। कुछ महीने पहले, उनके शताब्दी वर्ष समारोह को संबोधित किया था।’’

मोदी ने कहा कि अपने व्यापक कार्यों के कारण पुरंदरे हमेशा जीवित रहेंगे। उन्होंने पुरंदरे के परिवार और उनके प्रशंसकों के प्रति संवेदना प्रकट की। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी ने एक वीडियो संदेश में कहा कि पुरंदरे ने समकालीन छात्रों एवं युवाओं को शिवाजी महाराज एवं उनके कार्यों के बारे में बताया और इसके कारण लोगों में देशभक्ति की भावना पैदा हुई।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं भी कई ऐसे लोगों में शामिल हूं, जो अपनी युवावस्था में पुरंदरे से प्रेरित हुए और हमें छत्रपति शिवाजी महाराज के व्यक्तित्व का ज्ञान हुआ। मैं उन्हें (पुरंदरे को) कभी नहीं भूलूंगा।’’ गडकरी ने इतिहास के क्षेत्र में पुरंदरे के योगदान की प्रशंसा करते हुए कहा कि भावी पीढ़ियां उन्हें कभी नहीं भूलेंगी। राकांपा प्रमुख पवार ने पुरंदरे के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, ‘‘शिवशाहीर बाबासाहेब पुरंदरे के निधन के साथ महाराष्ट्र ने साहित्य एवं कला के क्षेत्र में अपनी चमक खो दी। मैं उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि देता हूं।’’ 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को जाने माने इतिहासकार बलवंत मोरेश्वर पुरंदरे के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि उन्होंने अपने नाटक ‘जाणता राजा’ के माध्यम से मराठा राजा शिवाजी की महिमा और वीरता के बारे में जनता को बताया। पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित पुरंदरे का सोमवार को पुणे के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 99 वर्ष के थे। बाबासाहेब पुरंदरे के नाम से लोकप्रिय इतिहासकार कुछ समय से बीमार थे। शाह ने कई ट्वीट कर कहा, ‘‘बाबासाहेब पुरंदरे जी के निधन की सूचना से अत्यंत व्यथित हूं।

उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज जी के गौरवशाली जीवन को जन-जन तक पहुंचाने का भागीरथ कार्य किया। ‘जाणता राजा’ नाटक के माध्यम से उन्होंने धर्म रक्षक छत्रपति शिवाजी महाराज की शौर्य गाथाओं को युवा पीढ़ी के हृदय में बसाया।’’ गृह मंत्री ने कहा कि कुछ वर्ष पूर्व पुरंदरे से भेंट कर एक लम्बी चर्चा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। उन्होंने कहा, ‘‘उनकी ऊर्जा और विचार सचमुच प्रेरणीय थे। उनका निधन एक युग का अंत है। उनके परिजनों एवं असंख्य प्रशंसकों के प्रति संवदेनाएं व्यक्त करता हूं।’’ 

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने जाने माने लेखक और इतिहासकार बलवंत मोरेश्वर पुरंदरे के निधन पर सोमवार को शोक व्यक्त किया और कहा कि उन्हें उनके काम के लिए सदैव याद रखा जाएगा। नायडू ने कहा कि पुरंदरे के निधन ने संस्कृति के क्षेत्र में एक खालीपन पैदा कर दिया है।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘बाबासाहेब पुरंदरे जी के निधन से अत्यंत दु:खी हूं। एक प्रख्यात लेखक, इतिहासकार और नाटककार पुरंदरे को छत्रपति शिवाजी महाराज संबंधी उनकी महान कृतियों के लिए हमेशा याद रखा जाएगा। मैं उनके शोकसंतप्त परिवार और मित्रों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं। ओम शांति।’’ 

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