आयुर्वेद की इस दवा में है कोविड-19 का चमत्कारी उपचार? जांच के लिए ICMR को इसके नमूने भेजने की तैयारी

By भाषा | Updated: May 21, 2021 21:11 IST2021-05-21T20:39:31+5:302021-05-21T21:11:55+5:30

कोरोना की दूसरी लहर के बीच आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में एक आर्युवेदिक दवा की चर्चा जोरो पर है। इस दवा के कोरोना पर असर को लेकर विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है।

Ayurvedic medicine being described as miraculous treatment of Kovid-19 will be sent to ICMR for examination. | आयुर्वेद की इस दवा में है कोविड-19 का चमत्कारी उपचार? जांच के लिए ICMR को इसके नमूने भेजने की तैयारी

कोविड-19 का चमत्कारी उपचार बताई जा रही आयुर्वेदिक दवा की होगी जांच (फाइल फोटो)

Highlightsकोविड के इलाज के लिए चमत्कारी बताई जा रही आयुर्वेदिक दवा को ICMR भेजने की तैयारी उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने भी इस दवा संबंधी अध्ययन को लेकर दिलचस्पी दिखाई है ‘कृष्णापटनम दवा’ के नाम से है ये प्रचारित, जानकार बता रहे हैं अंधविश्वास

अमरावती: आंध्र प्रदेश सरकार ने कोविड-19 के उपचार के लिए चमत्कारी इलाज बताई जा रही और एसपीएस नेल्लोर जिले में वितरित की गई आयुर्वेदिक दवा को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईएसएमआर) भेजने का फैसला किया है, ताकि इसके असरदायी होने संबंधी विस्तृत अध्ययन किया जा सके।

सरकार ने ‘कृष्णापटनम दवा’ के नाम से जानी जाने वाली इस दवा को बनाने की विधि के अध्ययन के लिए विशेषज्ञों का एक दल नेल्लोर भेजने का निर्णय लिया है।

यहां जारी एक विज्ञप्ति में बताया गया कि उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने भी केंद्रीय आयुष मंत्री और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के निदेशक से इस दवा संबंधी अध्ययन करने को कहा है। नायडू भी एसपीएस नेल्लोर जिले के रहने वाले हैं।

मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने यहां कोविड-19 संबंधी एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में कृष्णापटनम दवा के बारे में जानकारी हासिल की, जिसे उनकी पार्टी के जिला अध्यक्ष एवं विधायक के गोवर्धन रेड्डी प्रोत्साहित कर रहे हैं।

उपमुख्यमंत्री (स्वास्थ्य) ए के के श्रीनिवास ने समीक्षा बैठक के बाद कहा, ‘‘हमने आईसीएमआर और अन्य विशेषज्ञों से इसका अध्ययन कराने का फैसला किया है, ताकि इसके प्रभावी होने का पता लगाया जा सके।’’

आयुर्वेदिक दवा को लेकर विशेषज्ञों की अलग राय 

चिकित्सक से नौकरशाह बने पी वी रमेश ने इस दवा को ‘‘आपदा का एक और नुस्खा’’ बताया। आंध्र प्रदेश सरकार के कोविड-19 प्रबंधन की पिछले साल निगरानी कर चुके रमेश ने कहा, ‘‘सरकारों को अंधविश्वास की इस प्रकार की महामारी को रोकना चाहिए।’’

अब हजारों लोग कोविड-19 प्रोटोकॉल का उल्लंघन करके कृष्णापटनम गांव जा रहे हैं, ताकि वे आयुर्वेदाचार्य बी. आनंदैया से यह दवा ले सकें।

आयुष विभाग के आयुर्वेदिक चिकित्सकों के एक दल ने कुछ दिन पहले गांव का दौरा किया और दवा के बारे में पूछताछ की। उसने सरकार को एक रिपोर्ट सौंपते हुए कहा था कि दवा बनाने की विधि, उपचार प्रक्रिया और उसके बाद के प्रभावों का वैज्ञानिक अध्ययन किया जाना चाहिए।

टीम ने दावा किया कि दवा लेने वालों में से किसी ने भी किसी दुष्प्रभाव की शिकायत नहीं की है।

उसने रिपोर्ट में कहा, ‘‘एक कोविड-19 मरीज की आंख में दवा की दो बूंदें डालने के बाद उसके शरीर में ऑक्सीजन का स्तर एक घंटे में 83 से बढ़कर 95 हो गया। हमने मरीजों से बात की है।

Web Title: Ayurvedic medicine being described as miraculous treatment of Kovid-19 will be sent to ICMR for examination.

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