Ayodhya Verdict: हिन्दू- मुस्लिम एक- दूसरे को मिठाई खिलाते नजर आए, सरयू नदी पर भव्य आरती
By भाषा | Updated: November 9, 2019 20:28 IST2019-11-09T20:28:14+5:302019-11-09T20:28:14+5:30
मामले के अहम पक्षकार रहे सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और इकबाल अंसारी ने उच्चतम न्यायालय के निर्णय का स्वागत करते हुए ऐलान किया कि वह इस फैसले को चुनौती नहीं देंगे। फैसले के बाद की स्थितियों को लेकर जतायी जा रही तमाम आशंकाओं और अटकलों के विपरीत उत्तर प्रदेश में हालात बिल्कुल सामान्य रहे।

पुलिस महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था) प्रवीण कुमार ने बताया कि फैसले के बाद पूरे प्रदेश में स्थिति बिल्कुल शांतिपूर्ण रही।
रामजन्मभूमि - बाबरी मस्जिद विवाद में उच्चतम न्यायालय के निर्णय को प्रमुख पक्षकारों के साथ- साथ पूरे उत्तर प्रदेश ने बेहद सहज भाव से स्वीकार किया और फैसले के बाद हालात बिल्कुल सामान्य रहे।
मामले के अहम पक्षकार रहे सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और इकबाल अंसारी ने उच्चतम न्यायालय के निर्णय का स्वागत करते हुए ऐलान किया कि वह इस फैसले को चुनौती नहीं देंगे। फैसले के बाद की स्थितियों को लेकर जतायी जा रही तमाम आशंकाओं और अटकलों के विपरीत उत्तर प्रदेश में हालात बिल्कुल सामान्य रहे।
शुरू में सड़कों पर सन्नाटा जरूर दिखा, मगर बाद में लोगों और वाहनों का आवागमन सामान्य रहा। अयोध्या में भी सौहार्दपूर्ण माहौल रहा और हिन्दू- मुस्लिम एक- दूसरे को मिठाई खिलाते नजर आये। पुलिस महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था) प्रवीण कुमार ने बताया कि फैसले के बाद पूरे प्रदेश में स्थिति बिल्कुल शांतिपूर्ण रही।
As per daily routine, evening 'Aarti' being performed on the banks of Sarayu river in Ayodhya. pic.twitter.com/ycEokKLZ6R
— ANI UP (@ANINewsUP) November 9, 2019
इस दौरान वास्तविक दुनिया से लेकर सोशल मीडिया तक पर पुलिस की पैनी नजर रही। उन्होंने बताया कि फैसला सुनाये जाने का एलान होने के बाद शुक्रवार रात से 24 घंटे के दौरान सोशल मीडिया के सर्विलांस के दौरान भड़काऊ पोस्ट डालने पर आठ मुकदमे दर्ज करके 33 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
इस दौरान 865 सोशल मीडिया पोस्ट पर कार्रवाई की गयी। अयोध्या में माहौल बिल्कुल सामान्य रहा। यहां के मुख्य चौक पर रेस्तरां चलाने वाले तनवीर अहमद ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले से हमें खुशी है क्योंकि अब वर्षों से चला आ रहा तनाव और विवाद खत्म हो गया है। चौक की सड़क पर एक ओर हिन्दू तो दूसरी ओर मुसलमानों की दुकानें हैं। शहर की सभी दुकानें खुली रहीं और पूरा अमन चैन है। कुछ जगहों पर मुस्लिम समुदाय के लोग हिन्दुओं को मिठाई खिलाते और गले मिलते दिखे।
#WATCH: Evening 'Aarti' being performed on the banks of Sarayu river in Ayodhya. pic.twitter.com/m8nH2J9nMo
— ANI UP (@ANINewsUP) November 9, 2019
पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स के जवान पूरे शहर में गश्त करते रहे। फैसला आने के बाद राजधानी लखनऊ के कैसरबाग, अमीनाबाद, गोला गंज, वजीरगंज, सिटी स्टेशन, चौपटियां, चौक, माली खां सराय, तहसीन गंज, मौलवीगंज, सआदतगंज आदि मुस्लिम बहुल इलाकों में लगभग सभी दुकानें खुली रहीं और खासी चहल- पहल दिखी। दरअसल, अदालत के निर्णय से पहले हिन्दू तथा मुस्लिम संगठनों की अपील का खासा असर रहा। इस दौरान विश्व हिन्दू परिषद और आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्यों ने लोगों से निर्णय स्वीकार करने और शांति बनाये रखने की अपील की।
उधर, एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जुफर फारूकी ने अदालत के निर्णय का स्वागत करते करते हुए इस फैसले के खिलाफ अपील दायर करने से इनकार कर दिया। विवाद के मुद्दई इकबाल अंसारी ने भी फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि वह अपनी तरफ से इस निर्णय के खिलाफ कोई अपील नहीं करेंगे। निर्मोही अखाड़ा और शिया वक्फ बोर्ड ने उच्चतम न्यायालय द्वारा विवादित जमीन से अपना दावा खारिज किये जाने पर कहा कि उन्हें इसका कोई मलाल नहीं है क्योंकि अदालत ने रामलला के पक्ष में फैसला दिया है।
यह उनकी भी जीत है। मालूम हो कि उच्चतम न्यायालय ने शनिवार को अपने बहुप्रतीक्षित फैसले के तहत अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ करते हुए सरकार को निर्देश दिया कि वह अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिये किसी प्रमुख स्थान पर पांच एकड़ जमीन दे। न्यायालय ने केंद्र को मंदिर निर्माण के लिये तीन महीने में योजना तैयार करने और न्यास बनाने का निर्देश दिया।