Ayodhya Verdict: मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने उठाए सवाल, कहा- 67 एकड़ जमीन लेने के बाद पांच एकड़ देकर कहां का है इंसाफ 

By रामदीप मिश्रा | Updated: November 9, 2019 13:01 IST2019-11-09T13:01:33+5:302019-11-09T13:01:33+5:30

Ayodhya Verdict: शीर्ष अदालत ने अपना फैसला सुनाते समय कहा कि केन्द्र सरकार सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद के निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन वैकल्पित रूप से आवंटित करे।

Ayodhya verdict: All India Muslim Personal Law Board raised question over five acres of land allotted | Ayodhya Verdict: मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने उठाए सवाल, कहा- 67 एकड़ जमीन लेने के बाद पांच एकड़ देकर कहां का है इंसाफ 

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Highlightsसुप्रीम कोर्ट ने शनिवार (09 नवंबर) को अयोध्या मामले पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया और विवादित भूमि पर राम मंदिर बनाने का रास्ता साफ किया।ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का बयान सामने आया है, जिसमें उसने कोर्ट द्वावा मस्जिद निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन देने के वैकल्पिक इंतजाम पर सवालिया निशान लगाया है।

सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार (09 नवंबर) को अयोध्या मामले पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया और विवादित भूमि पर राम मंदिर बनाने का रास्ता साफ किया। इस बीच ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का बयान सामने आया है, जिसमें उसने कोर्ट द्वावा मस्जिद निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन देने के वैकल्पिक इंतजाम पर सवालिया निशान लगाया है।

समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, पांच एकड़ जमीन आवंटित करने को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य कमाल फारुकी ने कहा, 'इसके बदले हमें 100 एकड़ जमीन भी दे तो कोई फायदा नहीं है। हमारी 67 एकड़ जमीन पहले से ही अधिग्रहण की जा चुकी है, तो हमको दान में क्या दे रहे हैं वो? हमारी 67 एकड़ जमीन लेने के बाद पांच एकड़ दे रहे हैं। ये कहां का इंसाफ है?' 

 
बता दें कि शीर्ष अदालत ने अपना फैसला सुनाते समय कहा कि केन्द्र सरकार सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद के निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन वैकल्पित रूप से आवंटित करे। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने भारतीय इतिहास की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण इस व्यवस्था के साथ ही करीब 130 साल से चले आ रहे इस संवेदनशील विवाद का पटाक्षेप कर दिया। इस विवाद ने देश के सामाजिक ताने बाने को तार तार कर दिया था। 

सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल थे। पीठ ने कहा कि 2.77 एकड़ की विवादित भूमि का अधिकार राम लला की मूर्ति को सौंप दिया जाये, हालांकि इसका कब्जा केन्द्र सरकार के रिसीवर के पास ही रहेगा। 

संविधान पीठ ने 2.77 एकड़ विवादित भूमि तीन पक्षकारों- सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला विराजमान- के बीच बराबर बराबर बांटने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सितंबर, 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 14 अपीलों पर 16 अक्टूबर को सुनवाई पूरी की थी। 

Web Title: Ayodhya verdict: All India Muslim Personal Law Board raised question over five acres of land allotted

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