Ayodhya Dispute: मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने फाड़ दिया राम मंदिर का नक्शा, CJI ने कहा- ऐसे चलता रहा तो हम उठकर जा सकते हैं
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 16, 2019 12:46 PM2019-10-16T12:46:08+5:302019-10-16T12:50:28+5:30
Ayodhya Ram Temple Babri Masjid Land Dispute Case Update:कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से यह भी कहा जा रहा है कि कोर्ट में मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने एक किताब में छपा राम मंदिर का नक्शा फाड़ दिया। इस पर भी सीजेआई ने नाराजगी जाहिर की।
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले पर सुप्रीम कोर्ट में तीखी बहस चल रही है। हिंदू महासभा के वकील की दलीलें पेश करने पर सीजेआई नाराज हो गए। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि अगर इसी तरह ऑर्गुमेंट चलता रहा तो हम चुपचाप खड़े होकर जा सकते हैं। इस पर हिंदू महासभा के वकील ने कहा कि मैंने कोर्ट के डेकोरम को नहीं बिगाड़ा। इस बीच कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से यह भी कहा जा रहा है कि कोर्ट में मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने एक किताब में छपा राम मंदिर का नक्शा फाड़ दिया। इस पर भी सीजेआई ने नाराजगी जाहिर की।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को स्पष्ट किया कि वह अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद संबंधी राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामले में प्रतिदिन हो रही सुनवाई को बुधवार शाम को पूरी कर देगा। साथ ही न्यायालय ने कहा, ‘‘अब बहुत हो चुका।’’ प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा कि वह पिछले 39 दिनों से अयोध्या भूमि विवाद मामले में सुनवाई कर रही है और मामले में सुनवाई पूरी करने के लिए किसी भी पक्षकार को आज (बुधवार) के बाद अब और समय नहीं दिया जाएगा। इस पीठ में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर भी शामिल हैं।
Ayodhya Ram Temple-Babri Masjid land case: The lawyer of All India Hindu Mahasabha says, with great respect to the Court, I have not disturbed the decorum of the Court. https://t.co/7nUT7tKowO
— ANI (@ANI) October 16, 2019
पीठ ने मामले की, 40वें दिन सुनवाई शुरू होने पर कहा, ‘‘इस मामले की सुनवाई आज शाम पांच बजे पूरी हो जाएगी। अब बहुत हो चुका।’’ न्यायालय ने पहले कहा था कि सुनवाई 17 अक्टूबर को पूरी हो जाएगी। अब इस समय सीमा को एक दिन पहले कर दिया गया है। प्रधान न्यायाधीश का कार्यकाल 17 नवंबर को समाप्त हो रहा है। पीठ ने सुनवाई में हस्तक्षेप की एक पक्षकार की याचिका को भी खारिज कर दिया और कहा कि सुनवाई के इस चरण पर अब किसी हस्तक्षेप की अनुमति नहीं दी जाएगी। हिंदू पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता सी एस वैद्यनाथन ने 1961 में सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा दायर मुकदमे के जवाब में अपना अभ्यावेदन आरंभ किया।
उल्लेखनीय है कि संविधान पीठ अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित भूमि को तीन पक्षकारों-सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला- के बीच बराबर बराबर बांटने का आदेश देने संबंधी इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सितंबर, 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 14 अपीलों पर सुनवाई कर रही है।