Ayodhya: धरती पर लिखने के लिए कोई महामानव है तो वह राम हैं, राम पर लिखेंगे तो लेखनी धन्य हो जाएगी?, सीएम योगी आदित्यनाथ ने महर्षि नारद को किया उद्धृत, देखें वीडियो
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 21, 2025 12:09 IST2025-03-21T12:08:28+5:302025-03-21T12:09:08+5:30
Ayodhya: साहित्यकार यतीन्द्र मिश्र आयोजित एक साहित्य उत्सव को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या में सूर्यवंश की परंपरा में एक अवतार के रूप में मानवीय मर्यादा और आदर्श के सर्वोत्तम स्वरूप प्रभु श्री राम हैं जिनकी पावन धरा पर आयोजित यह सम्मेलन अदभुत हैं।

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Ayodhya:उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को महर्षि नारद को उद्धृत करते हुए कहा कि इस धरती पर लिखने के लिए कोई महामानव है तो वह केवल राम हैं, राम पर लिखेंगे तो लेखनी धन्य हो जाएगी। यहां साहित्यकार यतीन्द्र मिश्र आयोजित एक साहित्य उत्सव को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या में सूर्यवंश की परंपरा में एक अवतार के रूप में मानवीय मर्यादा और आदर्श के सर्वोत्तम स्वरूप प्रभु श्री राम हैं जिनकी पावन धरा पर आयोजित यह सम्मेलन अदभुत हैं।
#WATCH | Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath offers prayers at Ayodhya's Ram Mandir pic.twitter.com/wWmz4p5eug
— ANI (@ANI) March 21, 2025
श्री अयोध्या धाम में मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान (सीएम-युवा) के अंतर्गत अयोध्या मण्डल के उद्यमियों को ऋण वितरण हेतु आयोजित कार्यक्रम में... https://t.co/O9wFX8KjtD— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) March 21, 2025
#WATCH | Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath offers prayers at Ayodhya's Hanuman Garhi temple pic.twitter.com/i0X3zENjwC— ANI (@ANI) March 21, 2025
मुख्यमंत्री ने कहा,‘‘मैं अद्भुत इसलिए कहूंगा कि इतने वर्षों तक अयोध्या मौन रही, जबकि यह सत्य है कि जिसने राम पर लिखा वह महान हुआ।’’ उन्होंने कहा कि महर्षि नारद ने महर्षि वाल्मीकि को प्रेरणा दी कि इस धरती पर लिखने के लिए कोई महामानव है तो वह केवल राम हैं, राम पर लिखोगे तो लेखनी धन्य हो जाएगी।
श्री अयोध्या धाम में आयोजित Timeless Ayodhya: Literature and Arts Festival में... https://t.co/xYNyizC209
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) March 21, 2025
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ अयोध्या भारत के सनातन धर्म की एक आधारभूमि है। सप्तपुरियों में प्रथम पुरी है। सनातन काल से ही सनातन धर्म की प्रेरणा स्थली रही है। ’’ उन्होंने कहा कि भगवान ऋषभदेव से चली परंपरा, जिसके तहत भगवान मनु ने पृथ्वी पर मनुष्य के रहने की व्यवस्था तय की, जिसे आप मानव धर्म कह सकते हैं, उसकी शुरुआती भूमि अयोध्या है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यावहारिक संस्कृति पर दुनिया का पहला महाकाव्य रामायण बना जो साहित्य का आधारभूमि है तथा आप वैदिक संस्कृति से व्यावहारिक संस्कृति में आ गये। उन्होंने कहा व्यावहारिक संस्कृति से कैसे अपनी लेखनी को धन्य करना है, यह सीखना है तो महर्षि वाल्मीकि के शरण में जाएं, जिन्होंने राम को आधार बनाकर महाकाव्य की रचना कर डाली, उससे पहले उस प्रकार का महाकाव्य किसी ने नहीं रचा। योगी का कहना था कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम उसकी आत्मा बने, अयोध्या उसका आधार बनी तो साहित्य की एक नयी विधा का सृजन हो गया।
फिर यह आमजन के लिए लोकप्रिय हुई और केवल भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के हर भाषा में रामायण और रामचरितमानस किसी न किसी रूप में हृदय को जरूर छू रही है। इस समारोह में अयोध्या के प्रभारी एवं उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, पद्मश्री मालिनी अवस्थी समेत कई प्रमुख लोग उपस्थित थे।