अयोध्या भूमि मामले पर शुक्रवार (02 अगस्त) को उच्चतम न्यायायल में सुनवाई हुई है। इस दौरान कोर्ट ने साफ कर दिया है कि मध्यस्थता से यह मामला नहीं सुलझाया जा सकता है। इस मामले को लेकर छह अगस्त से खुली अदालत में रोजाना सुनवाई की जाएगी। अयोध्या भूमि मामले में सीजेआई रंजग गोगई ने कहा है कि मामले की सुनवाई रोजाना होगी, जिसकी सुनवाई 6 अगस्त से शुरू होगी। उन्होंने कहा है कि मध्यस्ता पैनल इस मामले पर किसी भी अंतिम फैसले तक नहीं पहुंच पाई है। इसलिए इसकी सुनवाई होना जरूरी है। आगे उन्होंने कहा कि इस में सुनवाई शुरू होने दें, इसके बाद देखा जाएगा।आपको बता दें, प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 18 जुलाई को तीन सदस्यीय मध्यस्थता समिति को कहा था कि मध्यस्थता कार्यवाही के परिणामों के बारे में 31 जुलाई या एक अगस्त तक अदालत को सूचित करें ताकि वह मामले में आगे बढ़ सके।
समिति के अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एफ एम आई कलीफुल्ला हैं। समझा जाता है कि कलीफुल्ला समिति ने बंद कमरे में हुई मध्यस्थता कार्यवाही के बारे में बृहस्पतिवार को सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट सौंपी थी।18 जुलाई तक मध्यस्थता प्रक्रिया में हुई प्रगति के बारे में रिपोर्ट पढ़ चुकी पीठ ने कहा था कि पहले के आदेश के मुताबिक इसकी विषय वस्तु को गोपनीय रखा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई को मध्यस्थता प्रक्रिया पर रिपोर्ट मांगी थी और कहा था कि अगर अदालत मध्यस्थता प्रक्रिया समाप्त करने का फैसला करती है तो 25 जुलाई से रोजाना सुनवाई हो सकती है।इसने न्यायमूर्ति कलीफुल्ला से मध्यस्थता प्रक्रिया के बारे में 18 जुलाई तक अवगत कराने और इसकी वर्तमान स्थिति के बारे में बताने के लिए कहा था।