अयोध्या: 1992 के बाद पहली बार बने ऐसे माहौल, क्या सेना बुलाई जाएगी?

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: November 25, 2018 05:36 IST2018-11-25T05:36:11+5:302018-11-25T05:36:11+5:30

मुस्लिम समुदाय के कुछ सदस्यों ने हाल में कहा था कि वे लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं क्योंकि उन्हें बाबरी मस्जिद का ढांचा ढहाये जाने के बाद 1992 में मुसलमानों पर हुए हमले याद आ रहे हैं.

Ayodhya: After 1992 this is first time when situation created like this, will the army be called? | अयोध्या: 1992 के बाद पहली बार बने ऐसे माहौल, क्या सेना बुलाई जाएगी?

अयोध्या: 1992 के बाद पहली बार बने ऐसे माहौल, क्या सेना बुलाई जाएगी?

अयोध्या में विश्व हिंदू परिषद की धर्म सभा के बीच संत और महात्मा जहां राम मंदिर निर्माण की हुंकार भर चुके हैं, वहीं विभिन्न दलों के नेता बयान देकर माहौल को और गर्म बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि जरूरत पड़े तो अयोध्या में सेना तैनात कर देनी चाहिए. साथ ही सुप्रीम कोर्ट को यूपी की स्थिति का संज्ञान लेना चाहिए. भाजपा और उसके सहयोगी दल किसी भी हद तक जा सकते हैं. हालांकि, प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अ‌खिलेश के दावे को खारिज करते हुए कहा कि सपा प्रमुख की टिप्पणी से उनकी हताशा झलकती है क्योंकि यह एक धर्म सभा है और इसके लिए सेना की जरूरत नहीं है.

वर्ष 1990 में निहत्थे कारसेवकों पर हुई गोलीबारी का जिक्र करते हुए मौर्य ने कहा, ''यदि अखिलेश यादव को लगता है कि 1990 जैसी नौबत आएगी, तो (मुख्यमंत्री) योगी आदित्यनाथ नीत सरकार के तहत यह सूरत नहीं बनेगी. हम लोग सभी को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया करेंगे और सभी आवश्यक कार्रवाई करेंगे. यह धर्म सभा छह दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा ढहाये जाने के बाद से सबसे बड़ा धार्मिक समागम बताया जा रहा है. हालांकि कुछ मुस्लिम नेता इसे 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले मतदाताओं के ध्रुवीकरण की दिशा में उठाया गया कदम मान रहे हैं.

असुरक्षित महसूस कर रहे हैं मुसलमान!

मुस्लिम समुदाय के कुछ सदस्यों ने हाल में कहा था कि वे लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं क्योंकि उन्हें बाबरी मस्जिद का ढांचा ढहाये जाने के बाद 1992 में मुसलमानों पर हुए हमले याद आ रहे हैं. राम जन्मभूमि - बाबरी मस्जिद मालिकाना हक याचिका से जुड़े याचिकाकर्ता मोहम्मद उमर ने कहा, ''अयोध्या हमारा जन्म स्थान है, हम यहां कई पीढि़यों से रहते आ रहे हैं लेकिन हमे अब भी याद है कि किस तरह से विहिप और शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने 6 दिसंबर को मस्जिद का ढांचा ढहाये जाने के बाद मुसलमानों पर हमला किया था.''

मुस्लिमों में डर की भावना नहीं

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के सह संयोजक (संगठन) ने खबरों को झूठा बताते हुए खारिज कर दिया है कि मुसलमानों में डर की भावना है. एक अभियान भी शुरू किया गया है कि, 'हम (मुसलमान) अल्पसंख्यक नहीं है, हम हिन्दुस्तान के मालिक हैं. उन्होंने अयोध्या के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यदि कोई दूसरा वेटिकन सिटी, दूसरा स्वर्ण मंदिर, दूसरा मक्का मदीना नहीं हो सकता तो फिर कोई दूसरी राम जन्मभूमि भी नहीं हो सकती.'

आतंकी गतिविधि की अफवाह फैलाने वालों पर होगी कार्रवाई धर्मशाला

हिमाचल प्रदेश पुलिस ने शनिवार को ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की चेतावनी दी जो ऐसी अफवाहें फैला रहे हैं कि पंजाब के पठानकोट से कुछ संदिग्ध आतंकियों ने इस पहाड़ी राज्य में प्रवेश किया है. हिमाचल पुलिस उत्तरी रेंज के डीआईजी अतुल फुलझेले ने कहा, ''हिमाचल पुलिस उन लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने पर विचार कर रही है जो सोशल मीडिया पर अपुष्ट, बेबुनियाद और आधारहीन खबरें फैला रहे हैं.''

एएमयू छात्र संघ ने की हस्तक्षेप की मांग

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय छात्र संघ ने विवादित स्थल पर राम मंदिर बनाने को लेकर विहिप के रुख के बाद सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश से हस्तक्षेप की मांग की है. छात्र संघ ने शुक्रवार को ऐलान किया कि अयोध्या में विहिप की धर्म सभा के मद्देनजर कानून व्यवस्था को खतरा होने के बारे में वह भारत के प्रधान न्यायाधीश, यूपी के राज्यपाल और मुख्यमंत्री को पत्र लिख रहा है. सुप्रीम कोर्ट के अधिकारक्षेत्र को चुनौती देकर केंद्र और राज्य की सरकारें कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने पर नैतिक रूप से जिम्मेदार होंगी.

अयोध्या के लोगों को सुकून से रहने दें: अंसारी अयोध्या

राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में पक्षकार इकबाल अंसारी ने विहिप की धर्मसभा के मद्देनजर निषेधाज्ञा लागू होने के बावजूद इतनी बड़ी भीड़ जमा करने की मंशा पर सवाल भी उठाए. उन्होंने कहा कि अगर किसी को मंदिर-मस्जिद के मुद्दे पर कोई बात कहनी है तो विधान भवन या संसद का घेराव करना चाहिए और अयोध्या के लोगों को सुकून से रहने देना चाहिए.

Web Title: Ayodhya: After 1992 this is first time when situation created like this, will the army be called?

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे