जयंती विशेष: पढ़िए पाश की सबसे मशहूर कविता, सबसे खतरनाक होता है हमारे सपनों का मर जाना

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 9, 2019 12:25 PM2019-09-09T12:25:44+5:302019-09-09T12:37:41+5:30

पाश का कविता संग्रह ‘बीच का रास्ता नहीं होता’ पंजाबी भाषा की सबसे अधिक बिकने वाली किताब है।

avtar singh sandhu pash jayanti today read his poem sabse khatarnak hai | जयंती विशेष: पढ़िए पाश की सबसे मशहूर कविता, सबसे खतरनाक होता है हमारे सपनों का मर जाना

जयंती विशेष: पढ़िए पाश की सबसे मशहूर कविता, सबसे खतरनाक होता है हमारे सपनों का मर जाना

Highlights पाश की हत्या सिर्फ 38 साल की उम्र में आतंकवादियों ने कर दी थी।वामपंथी पार्टी से जुड़े पाश की पहली कविता 1967 में छपी थी।

विद्रोही कवि अवतार सिंह संधू 'पाश' की आज 69वीं जयंती है। क्रांतिकारी और जन आंदोलनों के कवि पाश की हत्या सिर्फ 38 साल की उम्र में आतंकवादियों ने कर दी थी।

पंजाब के जालंधर जिले में जन्मे पाश की सबसे खतरनाक है, देश की सुरक्षा से खतरा है, अब विदा लेता हूँ...कविताएं दशकों बाद भी प्रासंगिक है।  

वामपंथी पार्टी से जुड़े पाश की पहली कविता 1967 में छपी थी। सिर्फ 20 साल की उम्र में जब उनका पहला कविता संग्रह ‘लौह कथा’ छपी उससे पहले ही वह पूरे पंजाब में क्रांतिकारी कवि के रूप में विख्यात हो चुके थे। 

पाश का कविता संग्रह ‘बीच का रास्ता नहीं होता’ पंजाबी भाषा की सबसे अधिक बिकने वाली किताब है।

पाश की सबसे मशहूर कविता पढ़िए

मेहनत की लूट सबसे ख़तरनाक नहीं होती
पुलिस की मार सबसे ख़तरनाक नहीं होती
ग़द्दारी और लोभ की मुट्ठी सबसे ख़तरनाक नहीं होती
बैठे-बिठाए पकड़े जाना बुरा तो है
सहमी-सी चुप में जकड़े जाना बुरा तो है
सबसे ख़तरनाक नहीं होताकपट के शोर में सही होते हुए भी दब जाना बुरा तो है
जुगनुओं की लौ में पढ़ना
मुट्ठियां भींचकर बस वक़्त निकाल लेना बुरा तो है
सबसे ख़तरनाक नहीं होतासबसे ख़तरनाक वो घड़ी होती है
आपकी कलाई पर चलती हुई भी जो
आपकी नज़र में रुकी होती हैसबसे ख़तरनाक वो आंख होती है
जिसकी नज़र दुनिया को मोहब्बत से चूमना भूल जाती है
और जो एक घटिया दोहराव के क्रम में खो जाती हैसबसे ख़तरनाक वो गीत होता है
जो मरसिए की तरह पढ़ा जाता है
आतंकित लोगों के दरवाज़ों पर
गुंडों की तरह अकड़ता हैसबसे ख़तरनाक वो चांद होता है
जो हर हत्याकांड के बाद
वीरान हुए आंगन में चढ़ता है
लेकिन आपकी आंखों में
मिर्चों की तरह नहीं पड़तासबसे ख़तरनाक वो दिशा होती है
जिसमें आत्मा का सूरज डूब जाए
और जिसकी मुर्दा धूप का कोई टुकड़ा
आपके जिस्म के पूरब में चुभ जाएसबसे ख़तरनाक होता है मुर्दा शांति से भर जाना
तड़प का न होना
सब कुछ सहन कर जाना
घर से निकलना काम पर
और काम से लौटकर घर आनासबसे ख़तरनाक होता है
हमारे सपनों का मर जाना

Web Title: avtar singh sandhu pash jayanti today read his poem sabse khatarnak hai

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