औरंगाबाद:महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में हुई ट्रेन दुर्घटना में बाल-बाल जीवित बचे श्रमिकों का कहना है कि उन्होंने पटरियों पर सो रहे अपने साथियों को तेजी से आती ट्रेन से बचने के लिए आवाज दी थी, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। महाराष्ट्र से पैदल मध्यप्रदेश जा रहे श्रमिकों में से 16 लोगों की शुक्रवार तड़के मालगाड़ी से कटकर मौत हो गई। दुर्घटना में एक श्रमिक घायल हुआ है जबकि तीन बाल-बाल बचे हैं। अधिकारियों ने बताया कि 20 मजदूरों का एक समूह महाराष्ट्र के जालना से पैदल मध्यप्रदेश में अपने गांव जा रहा था। ये सभी जालना की एक स्टील फैक्टरी में काम करते थे और कोविड-19 लॉकडाउन के कारण बेरोजगार होने के बाद लौट रहे थे।
जिंदा बचे मजदूरों में से एक ने कहा कि हम एमपी अपने गांव जा रहे थे, और शाम को 7 बजे हमने चलना शुरू किया था और लगभग 4 बजे हमने थोड़ी देर आराम किया। बाकी लोग ट्रेन की पटरियों के काफी पास थे। तब हम कुछ लोग पीछे था। जब ट्रेन उनके ऊपर चली तो वे सो रहे थे।
मालगाड़ी को आते देख चिल्ला कर सभी को आगाह किया, लेकिन...: जिंदा बचे मजदूर
पुलिस अधीक्षक मोक्षदा पाटिल ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘(लॉकडाउन के कारण) फंसे हुए 20 श्रमिकों का एक समूह जालना से पैदल जा रहा था। (थकान के कारण) उन्होंने आराम करने की सोची और उनमें से ज्यादातर पटरियों पर लेट गए। उनमें से तीन पास स्थित खाली जगह में बैठ गए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कुछ देर बाद इन तीनों ने मालगाड़ी को आते देखा और तुरंत चिल्ला कर सभी को आगाह किया, लेकिन वे सुन नहीं सके।’’ पाटिल ने कहा, ‘‘मैंने जीवित बचे लोगों से बातचीत की है। वे लोग जालना से पैदल चले थे और भुसावल जा रहे थे। भुसावल दुर्घटना वाली जगह (औरंगाबाद के पास करमंड) से करीब 30-40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।’’
जीवित बचे तीनों लोग कुछ दूरी पर आराम कर रहे थे- पुलिस
पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘‘जीवित बचे तीनों लोग कुछ दूरी पर आराम कर रहे थे, उन्होंने चिल्ला-चिल्ला कर पटरियों पर सो रहे लोगों को उठाने की कोशिश की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ क्योंकि तब तक मालगाड़ी उनके ऊपर से गुजर चुकी थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। 20 लोगों में से 16 की मौत हो गई, एक घायल हो गया और तीन लोग हमारे पास हैं।
करमंड थाने में इस सिलसिले में मामला दर्ज किया जाएगा।’’ जो लोग सुरक्षित बचे हैं उनकी पहचान मांडला निवासी 20 वर्षीय इंदरलाल ध्रुवे, उमरिया निवासी 27 वर्षीय विरेंद्र सिंह गौर और शहडोल निवासी 27 वर्षीय शिवम सिंह गौर के रूप में हुई है। वहीं खजेरी निवासी सज्जन सिंह दुर्घटना में घायल हुआ है।
इस बीच, शिवसेना नेता और राज्य मंत्री संदीपन भुमरे और विधायक अम्बादास दानवे सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे और घायल व्यक्ति से मिले। दानवे ने कहा, ‘‘राज्य सरकार प्रवासी श्रमिकों को उनके राज्य भेजने का प्रयास कर रही है। लोगों को धीरज रखना चाहिए।’’
दुर्घटना में मारे गए श्रमिकों की पहचान शहडोल निवासी धनसिंह गोंड, निरलेश सिंह गोंड, बुद्धराज सिंह गोंड, रबेन्द्र सिंह गोंड, राजबोहरम पारस सिंह, धर्मेंद्र सिंह गोंड, श्रीदयाल सिंह, सुरेश सिंह कौल, संतोष नापित और बृजेश भेयादिन तथा उमरिया निवासी बिजेन्द्र सिंह, प्रदीप सिंह गोंड, नेमशाह सिंह और मुनीम सिंह के रूप में हुई है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि 15वें व्यक्ति की पहचान अछेल सिंह के रूप में हुई है, जबकि 16वे व्यक्ति की पहचान नहीं हो पायी है।
(पीटीआई-भाषा इनपुट के साथ)