जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ अवमानना कार्यवाही के लिये अटॉर्नी जनरल ने नहीं दी सहमति
By भाषा | Updated: November 2, 2020 19:21 IST2020-11-02T19:21:17+5:302020-11-02T19:21:17+5:30

जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ अवमानना कार्यवाही के लिये अटॉर्नी जनरल ने नहीं दी सहमति
नयी दिल्ली, दो नवंबर अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने न्यायपालिका के विरुद्ध आरोप लगाने पर राज्य के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी तथा उनके प्रधान सलाहकार के आचरण को सोमवार को ‘प्रथमदृष्टया अवज्ञाकारी’ बताया लेकिन उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने की सहमति नहीं दी और कहा कि यह मामला प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे के विचाराधीन है।
रेड्डी ने छह अक्टूबर को अभूतपूर्व तरीके से प्रधान न्यायाधीश को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि उनकी लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गयी सरकार को ‘गिराने और अस्थिर करने’ के लिए आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय का इस्तेमाल किया जा रहा है।
वेणुगोपाल ने सोमवार को रेड्डी द्वारा प्रधान न्यायाधीश को भेजे गये पत्र का जिक्र किया और कहा कि मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार अजेय कल्लम द्वारा पत्र की विषयवस्तु को सार्वजनिक करने के लिए संवाददाता सम्मेलन का आयोजन करने से संदेह पैदा होता है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस पृष्ठभूमि में प्रथमदृष्टया कथित व्यक्तियों का आचरण अवज्ञाकारी है। हालांकि, यह बात गौर करने वाली है कि अवमानना का पूरा मामला मुख्यमंत्री द्वारा प्रधान न्यायाधीश को सीधे लिखे पत्र और कल्लम द्वारा इस संबंध में प्रेस वार्ता करने से संबंधित है। इसलिए मामला प्रधान न्यायाधीश के विचाराधीन है। अत: मेरे लिए मामले को देखना उचित नहीं होगा।’’
भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय द्वारा दाखिल अवमानना याचिका के जवाब में वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘इन कारणों से मैं उच्चतम न्यायालय की आपराधिक अवमानना के लिए कार्यवाही शुरू करने की मंजूरी नहीं देता।’’
किसी व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू करने के लिए शीर्ष विधि अधिकारी की सहमति पूर्व शर्त है।