RSS ने कहा, वाजपेयी जैसे दिग्गज नेता के निधन से जो शून्य पैदा हुआ उसे भरना नहीं होगा आसान
By भाषा | Updated: August 16, 2018 20:34 IST2018-08-16T20:26:12+5:302018-08-16T20:34:45+5:30
सरसंघचालक मोहन भागवत और सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी ने संयुक्त बयान में कहा कि अपने विचारों और आचरण से उन्होंने सार्वजनिक जीवन में भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों को स्थापित किया।

RSS ने कहा, वाजपेयी जैसे दिग्गज नेता के निधन से जो शून्य पैदा हुआ उसे भरना नहीं होगा आसान
नई दिल्ली, 16 अगस्तः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देते हुए गुरुवार को कहा कि वह एक निर्णायक नेता थे जो सभी को स्वीकार्य थे। सरसंघचालक मोहन भागवत और सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी ने संयुक्त बयान में कहा कि अपने विचारों और आचरण से उन्होंने सार्वजनिक जीवन में भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों को स्थापित किया। वह कर्मठ, निर्णायक नेता थे जो सभी को स्वीकार्य थे।
आरएसएस ने कहा कि उनके जैसे दिग्गज नेता के निधन से जो शून्य पैदा हुआ है, उसे भरना आसान नहीं होगा। वाजपेयी का लम्बी बीमारी के बाद गुरुवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया। एम्स के अनुसार, 93 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री ने शाम पांच बजकर पांच मिनट पर अंतिम सांस ली। वाजपेयी को 11 जून 2018 को एम्स में भर्ती कराया गया था और डाक्टरों की निगरानी में पिछले नौ सप्ताह से उनकी हालत स्थिर बनी हुई थी ।
आपको बता दें, उनके निधन के बाद पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। इस दुखद पल में सभी की आंखें नम हैं। उन्हें एम्स में जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया था। पिछले दो दिनों से लगातार उनकी तबीयत में गिरावट देखी जा रही थी।
अटल बिहारी वाजपेयी को गुर्दा (किडनी) नली में संक्रमण, छाती में जकड़न, मूत्रनली में संक्रमण आदि के बाद 11 जून को एम्स में भर्ती कराया गया था। मधुमेह के शिकार 93 वर्षीय भाजपा नेता का एक ही गुर्दा काम करता है।
अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को हुआ। अपनी प्रतिभा, नेतृत्व क्षमता और लोकप्रियता के कारण वे चार दशकों से भी अधिक समय से भारतीय संसद के सांसद रहे। इसके अलावा दो बार भारत के प्रधानमंत्री पद पर भी सुशोभित हुए।
अटल जी अपनी सात्विक राजनीति और संवेदनशीलता के लिए जाने जाते हैं। उनके भाषणों का ऐसा जादू कि लोग सुनते ही रहना चाहते हैं। वाजपेयी ने तबीयत के चलते कई साल पहले सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लिया था।