विधानसभा हंगामा मामला: आरोपियों ने केरल उच्च न्यायलय में पुनरीक्षा याचिका दायर की

By भाषा | Updated: November 22, 2021 21:44 IST2021-11-22T21:44:29+5:302021-11-22T21:44:29+5:30

Assembly ruckus case: The accused filed a review petition in the Kerala High Court | विधानसभा हंगामा मामला: आरोपियों ने केरल उच्च न्यायलय में पुनरीक्षा याचिका दायर की

विधानसभा हंगामा मामला: आरोपियों ने केरल उच्च न्यायलय में पुनरीक्षा याचिका दायर की

कोच्चि, 22 नवंबर सामान्य शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी सहित 2015 के विधानसभा हंगामा मामले के आरोपियों ने तिरुवनंतपुरम की एक निचली अदालत द्वारा उन्हें आरोपमुक्त करने की उनकी याचिका खारिज किये जाने के बाद सोमवार को केरल उच्च न्यायालय के समक्ष एक पुनरीक्षा याचिका दायर की।

अदालत ने शिवनकुट्टी, विधायक के. टी. जलील, ई. पी. जयराजन, के. अजित, सी. के. सदाशिवन और के. कुन्हमद की याचिका स्वीकार कर ली। ये सभी तब विपक्षी विधायक थे।

न्यायमूर्ति के. हरिपाल ने राज्य सरकार को नोटिस जारी करके मामले में जवाब मांगा है।

वाम दल के नेताओं की ओर से दायर अर्जी में कहा गया है, ‘‘यह सम्मानपूर्वक प्रस्तुत किया जाता है कि याचिकाकर्ता मामले में लगाये गए आरोपों के लिए पूरी तरह से निर्दोष हैं और अंतिम रिपोर्ट में निष्कर्ष किसी भी कानूनी साक्ष्य द्वारा समर्थित नहीं हैं और पूरी तरह से आधारहीन हैं। भले ही उन आधारहीन आरोपों/निष्कर्षों को स्वीकार कर लिया गया हो, फिर भी याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कोई भी अपराध नहीं बनता।’’

याचिका में कहा गया है कि तत्कालीन विधायकों में से किसी भी विधायक ने घटना के संबंध में कोई शिकायत दर्ज नहीं करायी है और जांच सीबीसीआईडी ​​के उपाधीक्षक ने विधायी सचिव के एक पत्र के आधार पर की थी।

13 अक्टूबर को, केरल के सत्तारूढ़ एलडीएफ को झटका देते हुए, तिरुवनंतपुरम के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) ने मामले में आरोपी द्वारा दायर आरोपमुक्त करने की याचिकाओं को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि अभियोजन पक्ष द्वारा उसके सामने पेश की गई सामग्री से इसका गंभीर संदेह उत्पन्न होता है कि आरोपियों ने अपराध किया है।

याचिकाओं को खारिज करते हुए सीजेएम ने मंत्री और पांच अन्य आरोपियों को आरोप तय करने के लिए 22 नवंबर को पेश होने का निर्देश भी दिया था।

तेरह मार्च, 2015 को विधानसभा में अभूतपूर्व नजारा देखने को मिला था, जब एलडीएफ सदस्यों ने तत्कालीन वित्त मंत्री के. एम. मणि को राज्य का बजट पेश करने से रोकने की कोशिश की थी। एलडीएफ के सदस्य तब विपक्ष में थे और मणि बार रिश्वत घोटाले में आरोपों का सामना कर रहे थे।

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Web Title: Assembly ruckus case: The accused filed a review petition in the Kerala High Court

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