असम: भारी वर्षा की चपेट में तीन जिले, 29,000 लोग बाढ़ से प्रभावित
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: June 16, 2023 12:30 PM2023-06-16T12:30:21+5:302023-06-16T12:34:31+5:30
असम में बाढ़ की स्थिति बीते गुरुवार को काफी बिगड़ गई और लगातार बारिश के कारण राज्य के तीन जिलों भयंकर बाढ़ की चपेट में हैं। बाढ़ से लगभग 29,000 लोग बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं।
गुवाहाटी:असम में एक बार फिर बाढ़ ने भयानक तबाही का रूप ले लिया है। सरकार की ओर से जारी एक आधिकारिक बुलेटिन में कहा गया है कि असम में बाढ़ की स्थिति बीते गुरुवार को काफी बिगड़ गई और लगातार बारिश के कारण राज्य के तीन जिलों भयंकर बाढ़ की चपेट में हैं। बाढ़ से लगभग 29,000 लोग बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं।
इस संबंध में असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की ओर से जारी की गई दैनिक बाढ़ रिपोर्ट के अनुसार सूबे के धेमाजी, डिब्रूगढ़ और लखीमपुर जिलों में बाढ़ ने भयानक तांडव मचाया है, जिसके कारण 28,800 से अधिक लोग सीधे तौर पर बाढ़ की चपेट में हैं।
जानकारी के अनुसार बाढ़ से सबसे ज्य़ादा प्रभावित जिला लखीमपुर है, जिसमें लगभग 23,500 से अधिक लोगों इस आपदा से बचने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। वहीं डिब्रूगढ़ में 3,800 से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं और धेमाजी जिले में भी लगभग 1,500 लोग बाढ़ के कारण मुश्किलों का सामना कर रहे हैं।
वहीं बुधवार तक हुई भारी वर्षा के कारण असम के दो जिलों में लगभग 21,000 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। बाढ़ के विकराल रूप को देखते हुए असम की हेमंत बिस्वा सरमा सरकार ने फौरी इंतजाम करते हुए प्रबावित जिलों में राहत वितरण केंद्रों की स्थापना की है।
जानकारी के अनुसार प्रशासन ने लखीमपुर जिले में तीन राहत वितरण केंद्र शुरू करने का ऐलान किया गया हैं, लेकिन अभी तक कोई राहत शिविर शुरू नहीं किया गया है। एएसडीएमए ने कहा कि वर्तमान स्थिति में 25 ऐसे गांव हैं, जो बाढ़ की पानी के नीचे हैं और पूरे असम की बात करें तो 215.57 हेक्टेयर क्षेत्र की फसल बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हो गई है।
एएसडीएमए के अनुसार बिश्वनाथ, बोंगईगांव, डिब्रूगढ़, जोरहाट, लखीमपुर, मोरीगांव, सोनितपुर और उदलगुरी जिलों में बाढ़ के कारण जमीन का भारी कटाव देखा जा रहा है। कछार और कामरूप मेट्रोपॉलिटन में कुछ स्थानों पर भारी वर्षा के कारण भूस्खलन की घटनाओं की सूचना मिली है।
वहीं लखीमपुर, गोलपारा, विश्वनाथ, धेमाजी, बक्सा, दीमा हसाओ और करीमगंज जिलों में बाढ़ के पानी से तटबंध, सड़कें, पुलों को भारी नुकसान हुआ है। जबकि असम में अब तक कोई भी नदी खतरे के निशान से ऊपर नहीं बह रही है। गुवाहाटी स्थित क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (आरएमसी) ने बुधवार को अगले पांच दिनों के दौरान पूर्वोत्तर क्षेत्र में भारी वर्षा की भविष्यवाणी की थी।