असम-मिजोरम सीमा गतिरोध: मिजोरम के गृह मंत्री और विधायक ने की सीआरपीएफ की आलोचना

By भाषा | Updated: July 27, 2021 20:35 IST2021-07-27T20:35:53+5:302021-07-27T20:35:53+5:30

Assam-Mizoram border standoff: Mizoram Home Minister and MLA criticizes CRPF | असम-मिजोरम सीमा गतिरोध: मिजोरम के गृह मंत्री और विधायक ने की सीआरपीएफ की आलोचना

असम-मिजोरम सीमा गतिरोध: मिजोरम के गृह मंत्री और विधायक ने की सीआरपीएफ की आलोचना

आइजोल, 27 जुलाई असम और मिजोरम के पुलिस बलों के बीच हिंसक झड़प और गोलीबारी की घटना में कम से कम छह लोगों के मारे जाने और 50 के घायल होने के एक दिन बाद विवादित अंतर राज्यीय सीमा पर तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को एक तटस्थ बल के रूप में कथित तौर पर “दायित्व निभाने” में विफल रहने के लिए मंगलवार को मिजोरम के गृह मंत्री तथा अन्य की आलोचना का शिकार होना पड़ा।

मिजोरम के गृह मंत्री लालचमलिआना ने सीआरपीएफ पर, सोमवार को कोलासिब जिले के वैरेंगते के बाहरी इलाके में असम पुलिकर्मियों को मिजोरम में घुसने और राज्य पुलिस की ड्यूटी पोस्ट पर बलपूर्वक कब्जा करने की अनुमति देने का आरोप लगाया।

मिजोरम के एक मंत्री, एक स्थानीय विधायक और वैरेंगते के ग्राम परिषद अध्यक्ष ने भी सीआरपीएफ पर इसी प्रकार के आरोप लगाए। पिछले साल अगस्त में सीमा पर हुए गतिरोध के बाद तनाव कम करने और शांति बहाली के लिए केंद्र सरकार ने मिजोरम-असम सीमा पर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को तैनात किया था।

मिजोरम की तरफ सीआरपीएफ, जबकि असम की तरफ लैलापुर में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) को तैनात किया गया है। गृह मंत्री ने कहा, “केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवान, तटस्थ बल के रूप में हिंसक झड़प को रोकने और शांति कायम करने की अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहे हैं।”

लालचमलिआना ने दावा किया कि सोमवार को मिजोरम और असम के पुलिस बलों के बीच गोलीबारी के दौरान सीआरपीएफ के जवान कोलासिब के पुलिस अधीक्षक और कुछ पुलिस अधिकारियों को सुरक्षा देने में विफल रहे जब वे अर्धसैनिक बल के शिविर में सुरक्षा मांगने गए थे।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि गृह मंत्री ने सीआरपीएफ के महानिरीक्षक सरबजीत सिंह से भी बात की और आग्रह किया कि वे इस मामले का संज्ञान लें और आवश्यक कार्रवाई करें। बयान के मुताबिक, सीआरपीएफ मिजोरम के कुछ पुलिस अधिकारियों के उन आरोपों की जांच करेगा जिसके अनुसार झड़प के दौरान उन्हें सुरक्षा देने से मना कर दिया गया।

मिजोरम के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री ललरुआतकिमा ने आरोप लगाया कि अर्धसैनिक बलों ने असम के पुलिसकर्मियों और लोगों को मिजोरम में घुसपैठ करने से नहीं रोका। वैरेंगते पर शिविर लगाए ललरुआतकिमा ने पीटीआई-भाषा से कहा, “अगर सीआरपीएफ कर्मियों ने असम पुलिस को मिजोरम के क्षेत्र में घुसने से रोक दिया होता तो यह खूनी झड़प नहीं होती।”

उन्होंने कहा कि सोमवार को जब दोनों राज्यों की पुलिस के बीच गोलीबारी हुई तब मिजोरम के निहत्थे पुलिस अधिकारी सीआरपीएफ के बेस पर गए लेकिन सीआरपीएफ ने उन्हें सुरक्षा नहीं दी।

सेर्लुइ निर्वाचन क्षेत्र के विधायक ललरिनसांगा राल्ते ने सीआरपीएफ पर, मिजोरम में घुसने वाले असम के पुलिसकर्मियों और लोगों का बचाव करने का आरोप लगाया। वैरेंगते सेर्लुइ क्षेत्र के अधीन आता है। राल्ते ने यह भी आरोप लगाया कि असम पुलिस ने सीआरपीएफ के शिविर पर कब्जा कर लिया और मिजोरम पुलिस के 15 कर्मियों को उनकी ड्यूटी पोस्ट से हटा दिया जो कि सीआरपीएफ के शिविर से कुछ मीटर पर स्थित थी।

विधायक ने कहा कि मिजोरम के लोगों का अर्धसैनिक बल पर से विश्वास उठ गया है। वैरेंगते संयुक्त ग्राम परिषद के अध्यक्ष आर ललफामकीमा ने भी सीआरपीएफ पर तनाव कम करने की जिम्मेदारी नहीं निभाने का आरोप लगाया।

उन्होंने दावा किया कि सोमवार को झड़प के वक्त वह घटनास्थल पर मौजूद थे। उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ के कर्मियों ने असम की टीम को रोकने के लिए कुछ नहीं किया।

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Web Title: Assam-Mizoram border standoff: Mizoram Home Minister and MLA criticizes CRPF

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