46 वर्ष से अधूरी असम सिंचाई परियोजना को 2022 तक किया जाएगा पूरा

By भाषा | Updated: August 7, 2021 00:10 IST2021-08-07T00:10:45+5:302021-08-07T00:10:45+5:30

Assam irrigation project incomplete for 46 years will be completed by 2022 | 46 वर्ष से अधूरी असम सिंचाई परियोजना को 2022 तक किया जाएगा पूरा

46 वर्ष से अधूरी असम सिंचाई परियोजना को 2022 तक किया जाएगा पूरा

(प्रादे 144, असम विस परियोजना स्लग से जारी कॉपी के स्थान पर)

गुवाहाटी, छह अगस्त असम की सबसे बड़ी परियोजना बताई जा रही और पिछले 49 वर्ष से अधूरी धनसिरी सिंचाई परियोजना का निर्माण कार्य इस वित्त वर्ष के अंत में पूरा किया जाएगा। विधानसभा को शुक्रवार को इस संबंध में जानकारी दी गई।

हालांकि सरकार ने फैसला किया है कि 20 मेगावाट की धनसिरी जल विद्युत परियोजना पर काम फिर से शुरू नहीं किया जाएगा। इस परियोजना पर काम 1996 में निलंबित कर दिया गया था।

यूनाइटेड पीपल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) के विधायक गोबिंद चंद्र बसुमतारी के एक प्रश्न के उत्तर में सिंचाई मंत्री अशोक सिंघल ने बताया कि 15.83 करोड़ रुपये शुरुआती खर्च का अनुमान लगाया गया था, जो बढ़कर 567.05 करोड़ रुपये हो गया है और इस परियोजना पर 444.18 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं।

सिंघल ने बताया कि परियोजना का निर्माण कार्य 1975 में शुरू हुआ था। उन्होंने कहा, ‘‘विभिन्न कारणों से परियोजना अभी तक पूरी नहीं हो पाई। हमने मार्च 2022 तक इस परियोजना को पूरा करने का फैसला किया है और हम इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं।’’ सिंघल ने कहा कि परियोजना की भौतिक प्रगति वर्तमान में 94 प्रतिशत है।

उन्होंने सदन को परियोजना के बारे में बताते हुए कहा कि यह परियोजना धनसिरी पनबिजली परियोजना से जुड़ी हुई है।

सिंघल ने कहा, ‘‘जलविद्युत परियोजना पुनरुद्धार की स्थिति में नहीं है। पुरानी मशीनरी लगभग कबाड़ बन गई है। धनसिरी परियोजना में निर्माण और मरम्मत का काम कभी खत्म ही नहीं होगा।’’

मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने जलविद्युत परियोजना पर विचार-विमर्श करने और एक नई परियोजना शुरु करने के लिए असम के बाहर के एक प्रतिष्ठित सलाहकार की सेवा लेने का फैसला किया है।

उन्होंने कहा कि प्रारंभिक अवधि में डिजाइन और मॉडल परीक्षण में देरी, कलकत्ता उच्च न्यायालय में दर्ज मामलों के कारण कई कानूनी बाधाएं, अरुणाचल प्रदेश और भूटान से अनुमति में देरी और लक्ष्य पूरा नहीं कर पाने के कारण ठेकेदार बदलने जैसे कई कारणों से सिंचाई परियोजना में देरी हुई।

मंत्री ने कहा, ‘‘1979 से 1985 तक असम आंदोलन ने परियोजना के काम में बाधा डाली। उसके बाद 1993 तक बोडो आंदोलन ने भी काम की प्रगति को धीमा किया। साथ ही, इस बात का भी उल्लेख किया जाना चाहिए कि उस समय क्षेत्र में उग्रवाद की समस्या व्याप्त थी जिसके कारण इसे पूरा करने में कठिनाई हुई।

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Web Title: Assam irrigation project incomplete for 46 years will be completed by 2022

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