असम: हिमंत बिस्वा सरमा सरकार बहुविवाह को प्रतिबंधित करने के लिए विधानसभा में पेश करेगी विधेयक
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: September 3, 2023 09:39 IST2023-09-03T09:34:10+5:302023-09-03T09:39:35+5:30
असम की हिमंत बिस्वा सरमा सरकार बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने के लिए दिसंबर में राज्य विधानसभा में एक विधेयक पेश कर सकती है।

फाइल फोटो
तिनसुकिया: असम की हिमंत बिस्वा सरमा सरकार बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने के लिए दिसंबर में राज्य विधानसभा में एक विधेयक पेश कर सकती है। बहुविवाह वह प्रथा है, जिसमें एक से अधिक व्यक्तियों (पति/पत्नी) से विवाह करने की प्रथा है।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को असम के तिनसुकिया में एक सर्वदलीय बैठक को संबोधित किया और कहा कि राज्य सरकार अगले 45 दिनों में राज्य में बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने वाले विधेयक को अंतिम रूप देगी।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार सीएम सरमा ने कहा, "राज्य सरकार बहुविवाह पर प्रतिबंध लगा सकती है या नहीं, इसका विश्लेषण करने के लिए एक कानूनी समिति का गठन किया गया था और हमें सकारात्मक विचार मिले हैं। हमने बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने के लिए प्रस्तावित विधेयक पर सार्वजनिक नोटिस जारी करके जनता की राय और सुझाव भी मांगे थे।"
उन्होंने आगे कहा, "हमें इस मामले में कुल मिलाकर 149 सुझाव मिले हैं। इनमें से 146 सुझाव विधेयक के पक्ष में हैं और वे बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने का समर्थन करते हैं। हालांकि, तीन सुझावों ने बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने के लिए अपना विरोध व्यक्त किया है। हमारा अगला चरण विधेयक का मसौदा तैयार करना है।"
सीएम सरमा ने कहा, "हम अगले 45 दिनों में विधेयक को अंतिम रूप दे देंगे। मुझे लगता है कि मैं इस साल दिसंबर में विधानसभा में विधेयक पेश कर पाऊंगा।"
इससे पहले असम में बहुविवाह को समाप्त करने के लिए कानून बनाने के लिए राज्य विधानमंडल की विधायी क्षमता की जांच करने के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था। समिति ने इस साल 6 अगस्त को अपनी रिपोर्ट असम के मुख्यमंत्री को सौंपी थी।
इस बीच मुख्यमंत्री सरमा ने आगे कहा, ''हम राज्य में लव जिहाद को रोकने के लिए बिल में कुछ बिंदुओं को जोड़ेंगे।''
सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (एएफएसपीए) को वापस लेने के मुद्दे पर बात करते हुए असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस पर काम कर रही है।
सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, "हमें इस पर निर्णय लेना होगा कि एएफएसपीए को हटाया जाए या नहीं। यह राज्य सरकार का विचार है और केंद्र सरकार अंतिम विचार करेगी। मैं इस महीने केंद्र सरकार के साथ इस पर चर्चा करूंगा।" इस महीने के अंत में एक ठोस निर्णय लिया जाएगा।"
सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 भारत की संसद का एक अधिनियम है जो भारतीय सशस्त्र बलों को "अशांत क्षेत्रों" में सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए विशेष शक्तियां प्रदान करता है। अशांत क्षेत्र अधिनियम, 1976 के अनुसार एक बार 'अशांत' घोषित होने के बाद क्षेत्र को कम से कम तीन महीने तक यथास्थिति बनाए रखनी होती है।