असम ने रोहिंग्या लड़की को प्रत्यर्पित करने का प्रयास किया, म्यांमा ने स्वीकार करने से इंकार किया
By भाषा | Updated: April 2, 2021 16:54 IST2021-04-02T16:54:16+5:302021-04-02T16:54:16+5:30

असम ने रोहिंग्या लड़की को प्रत्यर्पित करने का प्रयास किया, म्यांमा ने स्वीकार करने से इंकार किया
सिलचर (असम), दो अप्रैल म्यांमा ने 14 वर्षीय एक रोहिंग्या लड़की को स्वीकार करने से इंकार कर दिया, जब प्रत्यर्पण के लिए असम पुलिस की एक टीम उसे लेकर मणिपुर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के नजदीक पहुंची। यह जानकारी शुक्रवार को अधिकारियों ने दी।
उन्होंने बताया कि केंद्र से मंजूरी मिलने के बाद लड़की को असम के सिलचर से मणिपुर में अंतरराष्ट्रीय जांच चौकी पर प्रत्यर्पण के लिए बृहस्पतिवार को ले जाया गया।
उन्होंने बताया कि बहरहाल, म्यांमा के आव्रजन अधिकारियों ने उसे स्वीकार करने से मना कर दिया और कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण जांच चौकी पिछले एक वर्ष से बंद है।
पुलिस के मुताबिक, म्यांमा के अधिकारियों ने भारतीय अधिकारियों से कहा कि उनके देश की स्थिति किसी भी तरह के प्रत्यर्पण के लिए फिलहाल उपयुक्त नहीं है।
पुलिस टीम लड़की को लेकर सिलचर लौट गई और उसे आश्रय गृह को सौंप दिया जहां वह रह रही है।
अधिकारियों ने बताया कि दो वर्ष पहले लड़की कछार जिले के सिलचर के रंगपुर इलाके में संदिग्ध परिस्थितियों में एक घर के अंदर अचेतावस्था में मिली थी।
उन्होंने बताया कि बाद में पता चला कि उसके माता-पिता बांग्लादेश में कॉक्स बाजार के शरणार्थी शिविर में हैं।
पुलिस ने बताया कि चूंकि वह नाबालिग है इसलिए उसे हिरासत केंद्र में नहीं भेजा गया और उजाला आश्रय केंद्र में भेजा गया जहां से उसे फिर निवेदिता नारी संगष्ठ में रखा गया।
भारत में अवैध रूप से प्रवेश करने पर पिछले कुछ वर्षों में रोहिंग्या मूल के म्यांमा के कई नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है।
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