सिलचर/ करीमगंज, 28 मार्च कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने रविवार को दावा किया कि असम में विधानसभा चुनाव राज्य को भाजपा के ‘‘कुशासन’’ से बचाने की लड़ाई है।
पायलट ने बराक घाटी क्षेत्र के सिलचर और करीमगंज में अपनी दो चुनावी सभाओं को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा सरकार संकट की घड़ी में लोगों के साथ खड़ी नहीं रही।
उन्होंने कहा, ‘‘हम सत्ता में आने के लिए बल्कि असम के लोगों को भाजपा के कुशासन से बचाने के लिए लड़ रहे हैं।’’
राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा धार्मिक आधार पर लोगों को बांटती है तथा चाहे असम हो या देश लोगों को एकजुट रहने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘‘जब लोग नोटबंदी, जीएसटी और लॉकडाउन के दौरान संकट में थे तब भाजपा सरकार कहीं भी नजर नहीं आयी। इसलिए यह समय है कि हम इस पार्टी को सत्ता से बाहर करें।’’
पायलट ने इस बात पर बल दिया कि असम में कांग्रेस सरकार बनायेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘पांच सालों में भाजपा ने सीएए, एनआरसी, निरंकुशता, महंगाई एवं सांप्रदायिकता दी, नौकरियां नहीं दी। देश और असम के सामने आज सबसे बड़ी चुनौती बेरोजगारी है। कांग्रेस ने गारंटी दी है कि वह (पांच सालों में) पांच लाख सरकारी नौकरियों देगी।’’
मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और वरिष्ठ मंत्री हिमंत विश्व सरमा द्वारा निवर्तमान सरकार में सत्ता के दो केंद्र के रूप में काम करने की अफवाहों की ओर इशारा करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘असम में कोई नहीं जानता कि कौन मुख्यमंत्री है। जिसने पद की शपथ ली है, क्या वह मुख्यमंत्री है या वह जो मुख्यमंत्री बनना चाहता है।’’
भाजपा ने चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया है और कहा कि अगली सरकार के गठन के समय संसदीय बोर्ड इस बारे में निर्णय लेगा।
अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव के साथ पायलट ने कांग्रेस उम्मीदवारों के समर्थन में करीमगंज शहर में एक जुलूस का नेतृत्व भी किया।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।