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अशोक लवासा ने चुनाव आयुक्त के पद से दिया इस्तीफा, जल्द संभालेंगे एडीबी बैंक के उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी

By भाषा | Updated: August 18, 2020 17:01 IST

अशोक लवासा ने इस्तीफा देने के बाद बताया कि वह जल्द ही फिलीपीन स्थित एडीबी में पद ग्रहण करेंगे।  

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ठळक मुद्देअशोक लवासा 1980 बैच के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी लवासा मुख्य चुनाव आयुक्त बनने के दावेदार थे और चुनाव आयोग में उनका कार्यकाल अभी बाकी था।अशोक लवासा ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्ति से पहले, लवासा केंद्रीय वित्त सचिव के रूप में सेवानिवृत्त हुए।

नयी दिल्ली: चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया और वह जल्द ही एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के उपाध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी संभालेंगे। आयोग के सूत्रों ने यह जानकारी दी। लवासा चुनाव आयोग का अगला प्रमुख बनने की कतार में थे।

सूत्रों ने बताया कि लवासा ने राष्ट्रपति भवन को अपना इस्तीफा भेज दिया तथा 31 अगस्त को उन्हें कार्यमुक्त करने का अनुरोध किया है। उन्होंने बताया कि वह कुछ समय में फिलीपीन स्थित एडीबी में पद ग्रहण करेंगे।  

कौन हैं अशोक लवासा किस मामले में नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट देने का किया था विरोध-

बता दें कि अशोक लवासा 1980 बैच के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी लवासा मुख्य चुनाव आयुक्त बनने के दावेदार थे और चुनाव आयोग में उनका कार्यकाल अभी बाकी था। लवासा ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्ति से पहले, लवासा केंद्रीय वित्त सचिव के रूप में सेवानिवृत्त हुए। इससे पहले वे पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के केंद्रीय सचिव भी रहे। 

लवासा उस वक़्त चर्चा में आये थे जब लोकसभा चुनाव के बाद चुनाव आयोग द्वारा कथित चुनाव उल्लंघनों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को क्लीन चिट देने के फैसले का विरोध किया था। चुनाव के कुछ समय बाद लवासा, उनकी पत्नी और बेटे को आयकर विभाग का नोटिस भेजा गया था।

चुनाव आयोग तीन दिन के भीतर दिशानिर्देश तैयार करेगा

इसके अलावा बता दें कि चुनाव आयोग कोविड-19 महामारी के दौरान चुनाव कराने के लिए तीन दिनों के भीतर ‘‘व्यापक’’ दिशानिर्देश तैयार करेगा। आयोग ने एक बयान में कहा कि ‘‘कोविड-19 अवधि’’ के दौरान चुनाव और उपचुनाव के लिए व्यापक दिशानिर्देश जारी करने के मामले पर मंगलवार को आयोग की बैठक में चर्चा की गई।

आयोग ने राजनीतिक दलों द्वारा दिए गए विचारों और सुझावों पर विचार किया। उसने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों द्वारा दिए गए सुझावों और सिफारिशों पर भी विचार किया। बयान में कहा गया है, ‘‘इन सभी पर विचार करने के बाद, आयोग ने तीन दिनों के भीतर व्यापक दिशानिर्देश तैयार करने का निर्देश दिया।’’

आयोग ने यह भी निर्देश दिया कि इन दिशानिर्देशों के आधार पर, चुनाव कराने वाले राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को चुनावों के दौरान स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए कोविड-19 से संबंधित उपायों के लिए संबंधित राज्य या जिले के लिए एक व्यापक योजना तैयार करनी चाहिए।

बिहार विधानसभा का कार्यकाल 29 नवम्बर को समाप्त होगा और अक्टूबर-नवम्बर में किसी समय चुनाव कराये जाने की संभावना है। कोरोना वायरस और बारिश के कारण हाल में कई उपचुनावों को टाल दिया गया था। अब तक चुनाव के किसी नये कार्यक्रम की घोषणा नहीं की गई है।

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