लाइव न्यूज़ :

आशा कंडारा : जोधपुर की सड़कें साफ करते-करते अपनी किस्मत चमकाई

By भाषा | Updated: July 18, 2021 12:30 IST

Open in App

नयी दिल्ली, 18 जुलाई आशा कंडारा का नाम अब देशभर में प्रसिद्ध हो चुका है जिन्होंने सफाईकर्मी के रूप में जोधपुर की सड़कें साफ करते-करते अपनी किस्मत पर जमी धूल भी झाड़ दी। उनकी कहानी एकदम नाटकीय है जिन्होंने राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) की परीक्षा पास कर साबित कर दिया कि व्यक्ति के हौसले बुलंद हों तो उसके लिए कुछ भी असंभव नहीं है।

पिछले चार-पांच दिन से आशा कंडारा का नाम सुर्खियों में है। यह इसलिए नहीं कि वह जोधपुर नगर निगम की सफाईकमर्मी हैं, बल्कि इसलिए कि उन्होंने जोधपुर की सड़कों के साथ-साथ अपनी किस्मत को भी चमकाने का काम किया है। आशा ने आरएएस परीक्षा पास कर अपनी मेधा और प्रतिभा से सबको हैरान कर दिया है।

जोधपुर नगर निगम (उत्तर) के कार्यालय में महापौर कुंती देवड़ा ने आशा को रंग-बिरंगा राजस्थानी साफा एवं माला पहनाकर उनका सम्मान किया और उम्मीद जताई कि सफाईकर्मी के तौर पर मेहनत एवं ईमानदारी से काम करनेवाली आशा कंडारा अब प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर भी अपने कर्तव्यों का बखूबी निर्वाह करेंगी।

अपनी इस चमत्कारिक सफलता से आह्लादित आशा से जब उनके प्रेरणास्रोत के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि लोगों के तानों ने उन्हें जीवन में कुछ करने की प्रेरणा दी। उन्होंने बताया कि जब कभी वह अपने हक की बात करती थीं तो उन्हें यह कह दिया जाता था, ‘‘कलेक्टर हो क्या, तुम्हारे बाप-दादा कलेक्टर हैं क्या? जो हो वही रहो।’’

आशा का कहना है कि लोगों के तानों और समाज की हिकारत ने उन्हें इतना मजबूत बना दिया कि उन्होंने समाज से मिलने वाले तानों के पत्थरों को अपने रास्ते पर बिछाकर उसे हमवार कर लिया। दूसरी बात जो आशा सबसे ज्यादा जोर देकर कहती हैं, वह है शिक्षा पर भरोसा। उनके अनुसार अगर शिक्षा का उजाला साथ हो तो इंसान किस्मत और हालात के बड़े से बड़े अंधेरे को दूर कर सकता है।

राजस्थान प्रशासनिक सेवा की कठिन परीक्षा पास करने वाली आशा की कहानी बड़ी दिलचस्प है। आशा अपने अतीत के बारे में ज्यादा बात नहीं करना चाहतीं, लेकिन बताती हैं कि 1997 में मात्र 16 साल की उम्र में उनकी शादी हो गई थी। शादी सिर्फ पांच बरस ही चली और उनका पति दो बच्चे तथा जमाने भर की जिम्मेदारियां उनके हवाले कर 2002 में उन्हें छोड़कर चला गया।

आशा को इस सदमे से उबरने में लंबा वक्त लगा। अपने बच्चों को बेहतर इंसान बनाने के लिए उनका खुद एक मजबूत और बेहतर इंसान बनना जरूरी था। लिहाजा आशा ने पढ़ाई का रास्ता चुना। इस मुश्किल वक्त में पिता ने उनका साथ दिया और वह 2016 में स्नातक स्तर की पढ़ाई करने में सफल रहीं।

पढ़ाई के बाद नौकरी का सवाल आ खड़ा हुआ तो जोधपुर नगर निगम में स्वीपर की नौकरी के लिए हुई परीक्षा में बैठ गईं और उत्तीर्ण भी हो गईं। परीक्षा की तैयारी के दौरान ही उन्हें लगा कि अगर थोड़ी और मेहनत करें तो राजस्थान प्रशासनिक सेवा के लिए भी भाग्य आजमाया जा सकता है। किस्मत उनपर मेहरबान थी और वर्ष 2018 में वह आरएएस की प्रारंभिक परीक्षा पास करने में कामयाब रहीं।

इस कठिन परीक्षा को पास करने के बाद आशा को लगा कि किस्मत को एक बार फिर आजमाया जाए और उन्होंने फाइनल परीक्षा पास करने के लिए दिन-रात एक कर दिया। वह जानती थीं कि यह एक परीक्षा उनका, उनके माता-पिता और उसके बच्चों का जीवन बदल सकती है, इसलिए उन्होंने सुबह छह बजे से दो बजे तक की ड्यूटी ली और उसके बाद जीतोड़ मेहनत करने लगीं।

आशा ने जून 2019 में मुख्य परीक्षा दी और उसके बाद परिणाम का इंतजार करती रहीं, लेकिन उनके इंतजार की घड़ियां लंबी होती रहीं। इस दौरान वह सफाईकर्मी के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभाती रहीं। इसी सप्ताह परिणाम आया तो पता चला कि आशा ने जोधपुर की गलियां साफ करते-करते अपनी किस्मत भी चमका ली है।

आशा का कहना है कि उनके लिए जीवन, संघर्ष और कठिनाइयों की दास्तान रहा है, लेकिन अपने परिवार के आशीर्वाद और अपनी मेहनत से आज वह इस मुकाम पर पहुंच गई हैं कि वंचितों एवं अन्याय के शिकार लोगों के लिए कुछ कर सकती हैं।

आशा के लिए यह व्यवहार कितना गौरवान्वित करने वाला है कि जिस कार्यालय में वह स्वीपर के तौर पर हाजिरी लगाती थीं, उसी कार्यालय में महापौर ने उनका सम्मान किया और वह उन अधिकारियों के बराबर की कुर्सी पर बैठीं, जिन्हें कभी वह ‘‘साहब’’ कहा करती थीं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

क्रिकेटसबसे आगे विराट कोहली, 20 बार प्लेयर ऑफ़ द सीरीज पुरस्कार, देखिए लिस्ट में किसे पीछे छोड़ा

ज़रा हटकेShocking Video: तंदूरी रोटी बनाते समय थूक रहा था अहमद, वीडियो वायरल होने पर अरेस्ट

क्राइम अलर्ट4 महिला सहित 9 अरेस्ट, घर में सेक्स रैकेट, 24400 की नकदी, आपतिजनक सामग्री ओर तीन मोटर साइकिल बरामद

क्रिकेटYashasvi Jaiswal maiden century: टेस्ट, टी20 और वनडे में शतक लगाने वाले छठे भारतीय, 111 गेंद में 100 रन

क्रिकेटVIRAT KOHLI IND vs SA 3rd ODI: 3 मैच, 258 गेंद, 305 रन, 12 छक्के और 24 चौके, रांची, रायपुर और विशाखापत्तनम में किंग विराट कोहली का बल्ला

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत