असदुद्दीन ओवैसी ने ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने पर कहा, "ज्ञानवापी मस्जिद थी, और क़यामत तक रहेगी इंशाअल्लाह"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: May 16, 2022 07:31 PM2022-05-16T19:31:19+5:302022-05-16T19:34:15+5:30
एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग के पारे में बयान देते हुए कहा कि वाराणसी कोर्ट द्वारा दिये गये सर्वे का आदेश गलत है और अदालत का आदेश सीधे तौर पर 'प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991' का उल्लंघन कर रहा है।
दिल्ली: वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे के दौरान शिवलिंग मिलने की बात पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह ज्ञानवापी मस्जिद को बाबरी मस्जिद की तरह नहीं खोना चाहते हैं।
काफी तल्ख लहजे में ओवैसी ने कहा, "हमने एक बाबरी मस्जिद खोई है, अब दूसरी मस्जिद को हम नहीं खो सकते हैं।"
#ज्ञानवापी मस्जिद थी, और क़यामत तक रहेगी इंशा’अल्लाहpic.twitter.com/stNp8gneyl
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) May 16, 2022
एआईएमआईएम चीफ ओवैसी ने वाराणसी कोर्ट द्वारा दिये गये सर्वे के आदेश की निंदा करते हुए कहा, "अदालत का फैसला 'प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991' का सीधे तौर पर उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद मामले में फैसले देते हुए इस बात को कहा है कि बाबरी ढांचे के अलावा देश में अन्य किसी भी धार्मिक स्थल पर प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 लागू होगा और इसके उल्लंघन नहीं होना चाहिए।"
मालूम हो कि वाराणसी की अदालत में ज्ञानवापी मस्जिद स्थित श्रृंगार गौरी मंदिर के मामले में एक मुकदमा दायर हुआ है। जिसमें सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मस्जिद के सर्वे के लिए आदेश दिया। जिसके बाद से बीते तीन दिनों से लगातार मस्जिद के अंदर वीडियो सर्वे का कार्य किया जा रहा था।
वीडियो सर्वे के तीसरे दिन यानी रविवार को हिंदू पक्ष के लोगों ने दावा किया कि मस्जिद के तहखाने में स्थित कुएं में शिवलिंग मिला है। जिसके बाद से इस मामले में सियासत तेज हो गई है।
हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने फौरन वाराणसी की कोर्ट को शिवलिंग मिलने की जानकारी दी। वकील की ओर से कोर्ट में पेश किये गये प्रार्थनापत्र 78 ग में कहा गया कि आज दिनंक ।6.05.2022 को कमिशन जब मस्जिद परिसर का सर्वे कर रहा था तो वहां के वजूखाने से शिवलिंग मिला है।
वकील हरिशंकर जैन ने कोर्ट से कहा कि यह साक्ष्य इस बात को प्रमाणित करने के लिए काफी है कि यहां भूतकाल में मंदिर था और उसे जमिदोंज करके वहां पर ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण किया गया है। इसलिए कोर्ट से अपील की जाती है कि मस्जिद परिसर में जिस स्थान पर शिवलिंग मिला है। उसकी विशेष सुरक्षा की जाए और उसे सील कर दिया जाए।
इसके साथ ही वाराणसी के जिलाधिकारी, पुलिस कमिश्नर और काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी परिसर की सुरक्षा कर रहे सीआरपीएफ कमाण्डेंट को इसके लिए आदेशित किया जाए कि वहां मुस्लिमों के प्रवेश को वर्जित किया जाए। मात्र 20 मुसलमानों को नमाज़ अदा करने की इजाजत दी जाए और उनके द्वारा वजू करने से भी तत्कात्ल रोक लगाई जाए।
इस पर वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि दिवाकर ने आदेश दिया कि वाराणीस के जिला मजिस्ट्रेट, जिस स्थान पर शिवलिंग प्राप्त हुआ है, उस स्थान को तत्काल्र प्रभाव से सील कर दें और सील किये गए स्थान पर प्रवेश वर्जित किया जाता है। जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी, कमिनरेट वाराणसी तथा सीआरपीएफ को आदेशित किया जाता है कि जिस स्थान को सील किया गया है, उस स्थान को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी पूर्णतः व्यक्तिगत तौर पर उनकी होगी।