ओवैसी ने तेलंगाना सरकार से पिछड़े मुस्लिम कोटा बढ़ाकर 8-12 फीसदी करने को कहा, मौजूदा 4% आरक्षण को बताया अपर्याप्त
By मनाली रस्तोगी | Updated: September 23, 2022 17:48 IST2022-09-23T17:47:11+5:302022-09-23T17:48:36+5:30
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि तेलंगाना सरकार को पिछड़े मुस्लिम कोटा मौजूदा 4 फीसदी से बढ़ाकर 8-12 फीसदी करना चाहिए।

ओवैसी ने तेलंगाना सरकार से पिछड़े मुस्लिम कोटा बढ़ाकर 8-12 फीसदी करने को कहा, मौजूदा 4% आरक्षण को बताया अपर्याप्त
हैदराबाद: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को कहा कि के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली तेलंगाना सरकार को पिछड़े मुस्लिम कोटा मौजूदा 4 फीसदी से बढ़ाकर 8 से 12 प्रतिशत करना चाहिए। ओवैसी ने सुधीर आयोग की सिफारिश का हवाला देते हुए यह कहा।
हैदराबाद के सांसद ने कहा कि तेलंगाना में मुसलमानों की जनसंख्या और सामाजिक-आर्थिक स्थिति की तुलना में वर्तमान 4 प्रतिशत कोटा अपर्याप्त है। ओवैसी ने कहा, "सुधीर आयोग के सुझाव के अनुसार तेलंगाना सरकार को पिछड़े मुस्लिम कोटा बढ़ाकर 8-12 प्रतिशत करना चाहिए। तेलंगाना के मुसलमानों की जनसंख्या और सामाजिक-आर्थिक स्थिति की तुलना में मौजूदा 4 प्रतिशत आरक्षण अपर्याप्त है।"
Telangana Government must increase backward Muslim quota to 8-12% as suggested by Sudhir Commission. The existing 4% reservation is inadequate when compared to the population & socio-economic status of Telangana’s Muslimshttps://t.co/humCBe8ytA
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) September 23, 2022
अगस्त 2016 में तेलंगाना में मुसलमानों की सामाजिक-आर्थिक और शैक्षिक स्थितियों पर जांच आयोग ने सामाजिक और शैक्षिक क्षेत्रों में समुदाय के लिए 12 प्रतिशत या न्यूनतम 9 प्रतिशत आरक्षण की सिफारिश की थी। अपनी 860 पन्नों की रिपोर्ट में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी जी सुधीर के नेतृत्व में चार सदस्यीय आयोग ने यह भी सिफारिश की कि राज्य सरकार को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति उप-योजनाओं की तर्ज पर मुसलमानों के लिए एक उप-योजना तैयार करनी चाहिए।
मार्च 2015 में स्थापित आयोग में सुधीर के अलावा एमए बारी, अब्दुल शबान और अमीर उल्लाह खान थे। पैनल ने यह भी सुझाव दिया कि सरकार आरक्षण को लागू कर सकती है जैसा कि तमिलनाडु में किया गया था। पैनल ने राज्य को कुल आरक्षण की सीमा बढ़ाने के लिए केंद्र से संविधान में संशोधन करने का अनुरोध करने का सुझाव दिया।