CM योगी आदित्यनाथ ने कहा- जब तक कश्मीर में हिन्दू राजा था, हिन्दू-सिख सुरक्षित थे, आज वहां की क्या स्थिति है?
By रामदीप मिश्रा | Updated: October 29, 2018 15:55 IST2018-10-29T15:55:13+5:302018-10-29T15:55:13+5:30
उत्तर प्रदेश के मुखिया यानि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कश्मीर में हिन्दुओं और सिखों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए हैं और बताया है कि जब तक वहां हिन्दू राजा रहा है तब तक हिन्दू और सिख सुरक्षित थे।

CM योगी आदित्यनाथ ने कहा- जब तक कश्मीर में हिन्दू राजा था, हिन्दू-सिख सुरक्षित थे, आज वहां की क्या स्थिति है?
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का सिख समागम सोमवार (29 अक्टूबर) को पीडब्लूडी विभाग के विश्वेश्वरैया सभागार में आयोजित हुआ है। इस दौरान प्रदेश के मुखिया यानि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कश्मीर में हिन्दुओं और सिखों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए हैं और बताया है कि जब तक वहां हिन्दू राजा रहा है तब तक हिन्दू और सिख सुरक्षित थे।
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा, 'जब तक कश्मीर में हिन्दू राजा था, हिन्दू और सिख सुरक्षित थे। जब हिन्दू राजा का पतन हुआ, हिन्दुओं का भी पतन होना शुरू हो गया। आज वहां की स्थिति क्या है? कोई अपने को सुरक्षित बोल सकता है? नहीं। हमें इतिहास से सीखना चाहिए।'
Jab tak Kashmir mein Hindu raja tha Hindu aur Sikh surakshit the. Jab Hindu raja ka patan hua, Hinduon ka bhi patan hona shuru hogaya. Aaj wahan ki sthiti kya hai? Koi apne ko surakshit bol sakta hai? Nahi. Humein itihas se seekhna chahiye: UP CM Adityanath at BJP's Sikh Samagan pic.twitter.com/uIzbphPm8j
— ANI UP (@ANINewsUP) October 29, 2018
दरअसल, इस सम्मेलन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय, संगठन महामंत्री सुनील बंसल, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डॉ. दिनेश शर्मा, मंत्री बलदेव सिंह औलख मौजूद रहे। सम्मेलन गुरु नानक देवजी के 550वें प्रकाशोत्सव को समर्पित है।
आपको बता दें, इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर को लेकर बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था तरह उच्चतम न्यायालय ने सबरीमला मामले में निर्णय सुनाया है उसी तरह उसे राम मंदिर मुकदमे में भी फैसला सुनाना चाहिए।
राम मंदिर मामले को भारत के लोगों की आस्था का मामला बताते हुए योगी ने कहा कि अयोध्या में मंदिर लोगों के दिलों में बहुत महत्व रखता है। अगर उच्चतम न्यायालय सबरीमला मामले में फैसला दे सकता है तो इसे राम मंदिर मुद्दे पर भी उसे अपना आदेश देना चाहिए। मैं न्यायालय से ऐसा करने का आग्रह करता हूं।
साथ ही उन्होंने यह स्पष्ट किया कि उनके और उनकी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के लिए राम मंदिर निर्माण कोई चुनावी मुद्दा नहीं है। उनकी यह टिप्पणी इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब विश्व हिंदू परिषद ने मांग की है कि सरकार को अयोध्या में विवादित स्थल पर मंदिर निर्माण के लिए संसद में एक कानून बनाना चाहिए।