केजरीवाल के शपथ ग्रहण समारोह की रामलीला मैदान में भव्य तैयारियां शुरू, जानें क्यों खास है AAP के प्रमुख के लिए मैदान
By पल्लवी कुमारी | Published: February 14, 2020 03:49 PM2020-02-14T15:49:36+5:302020-02-14T15:49:36+5:30
दिल्ली विधानसभा चुनाव के घोषित नतीजों में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 62 सीटें अपने नाम की हैं। वहीं बाकी आठ सीटें भाजपा की झोली में गईं।
दिल्ली के रामलीला मैदान में आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल के सीएम (CM) पद के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां चल रही हैं। वह 16 फरवरी को तीसरी बार दिल्ली के सीएम के रूप में शपथ लेंगे। केजरीवाल के शपथ समारोह का रामलीला मैदान में होने का एक अलग महत्व समझा जाता है क्योंकि अन्ना हजारे के साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा आंदोलन उन्होंने इसी मैदान में किया था। इससे पहले दो बार उन्होंने रामलीला मैदान में ही शपथ ग्रहण की थी।
आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने 16 फरवरी को रामलीला मैदान में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में ‘अपने बेटे को आशीर्वाद’ देने आने के लिए दिल्ली वासियों आने को निमंत्रण दिया। अरविंद केजरीवाल लगातार तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने वाले हैं।
केजरीवाल ने हिंदी में ट्वीट किया था, ‘‘दिल्ली वासियों आपका बेटा तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहा है। आपको अपने बेटे को आशीर्वाद देने आना है। रामलीला मैदान में रविवार 16 फरवरी को सुबह दस बजे।’’
Delhi: Preparations underway for swearing-in ceremony of Chief Minister designate Arvind Kejriwal at Ramlila Ground. He will take oath as CM for the third time on February 16. pic.twitter.com/qaoR5xgJME
— ANI (@ANI) February 14, 2020
आप के राष्ट्रीय संयोजक ने पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों को पत्र लिखकर कहा है कि आम आदमी पार्टी (आप) को सभी का समर्थन मिला है यानी काम के लिए वोट का संदेश प्रभावी तरीके से प्रसारित किया गया जिससे दिल्ली के लोगों ने पार्टी को आशीर्वाद दिया। केजरीवाल ने कहा, ‘‘मैं चाहता हूं कि आपका समर्थन और संकल्प जारी रहे ताकि हम सब मिलकर प्रशासन के इस मॉडल को देश के हर कोने तक ले जा सकें।’’
11 फरवरी को दिल्ली विधानसभा-2020 चुनाव के नतीजों में आप पार्टी को प्रचंड बहुमत मिली है। आप को दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 62 सीटें मिली हैं। वहीं बीजेपी को 8 सीटें मिली हैं। कांग्रेस पिछली चुनाव की तरह ही इस बार भी अपना खाता नहीं खोल पाई थी।