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एम्स में भर्ती अरुण जेटली की स्थिति बेहद नाजुक, ECMO और IABP सॅपार्ट पर रखा गया

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 19, 2019 08:41 IST

पिछले साल 14 मई को एम्स में अरुण जेटली के गुर्दे का प्रतिरोपण हुआ था। लंबे समय तक मधुमेह रहने से वजन बढ़ने के कारण सितंबर 2014 में उन्होंने बैरिएट्रिक सर्जरी करायी थी। 

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ठळक मुद्देपेशे से वकील जेटली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल में उनकी कैबिनेट का महत्वपूर्ण हिस्सा थे।खराब स्वास्थ्य के कारण जेटली ने 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा। 

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में भर्ती बीजेपी के वरिष्ठ नेता मंत्री अरुण जेटली (66) की हालत बेहद नाजुक है। समाचार एजेंसी एएनआई ने एम्स के सूत्रों के हवाले से बताया है कि जेटली कार्डियो-न्यूरो सेंटर में एक्सट्रॉकोर्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेशन (ECMO) और इंट्रा-एओर्टिक बैलून पंप (IABP सपॉर्ट पर हैं। 

इससे पहले राजनाथ सिंह, स्मृति ईरानी, जितेंद्र सिंह सहित कई केंद्रीय मंत्री, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अन्य नेता पूर्व वित्त मंत्री अरूण जेटली के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए रविवार को एम्स पहुंचे। 66 वर्षीय जेटली को जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया है। सांस लेने में परेशानी होने और बेचैनी महसूस होने के बाद उन्हें नौ अगस्त को अस्पताल में भर्ती किया गया था।

उनके स्वास्थ्य के बारे में जानने के लिए हाल के दिनों में कई बड़े नेताओं ने अस्पताल का दौरा किया। सूत्रों ने रविवार को बताया कि जेटली को एक्स्ट्राकोर्पोरियल मेंब्रेन ऑक्सिजनेशन (ईसीएमओ) पर रखा गया है। डॉक्टरों की एक टीम उनकी निगरानी कर रही है। उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए रविवार को अस्पताल जाने वालों में स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन, स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे, भाजपा सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और गौतम गंभीर, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस)के सरसंघचालक मोहन भागवत, केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान, हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्रा, आरएसएस के संयुक्त महासचिव डॉ कृष्ण गोपाल और समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता अमर सिंह शामिल हैं। 

वहीं, शनिवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल समेत कई नेता अस्पताल गये थे। जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक, बसपा प्रमुख एवं उत्तरप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन, कांग्रेस नेता अभिषेक सिंघवी और ज्योतिरादित्य सिंधिया तथा एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ भी शनिवार को एम्स गये थे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी जेटली के स्वास्थ्य के बारे में जानने के लिए शुक्रवार को एम्स पहुंचे थे। 

पेशे से वकील जेटली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल में उनकी कैबिनेट का महत्वपूर्ण हिस्सा थे। उनके पास वित्त और रक्षा मंत्रालय का प्रभार था और सरकार के लिए वह संकटमोचक की भूमिका में रहे। खराब स्वास्थ्य के कारण जेटली ने 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा। 

पिछले साल 14 मई को एम्स में उनके गुर्दे का प्रतिरोपण हुआ था। उस समय रेल मंत्री पीयूष गोयल को उनके वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गयी थी। पिछले साल अप्रैल की शुरुआत से ही वह कार्यालय नहीं आ रहे थे और वापस 23 अगस्त 2018 को वित्त मंत्रालय आए। लंबे समय तक मधुमेह रहने से वजन बढ़ने के कारण सितंबर 2014 में उन्होंने बैरिएट्रिक सर्जरी करायी थी। 

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