श्रीनगर, तीन फरवरी पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को आरोप लगाया कि जम्मू कश्मीर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये गये उनकी पार्टी की युवा शाखा के अध्यक्ष वहीद पारा को झूठे आरोप कबूल करने के बाध्य किया जा रहा है और इसके लिए उन्हें ‘‘अमानवीय दशा में रखा जा रहा है और उनका उत्पीड़न किया जा रहा है।’’
हालांकि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पूर्व मुख्यमंत्री का नाम लिये बिना उनकी टिप्पणियों को ''दुर्भाग्यपूर्ण'' बताते हुए कहा, ''सीआईडी अदालतों को सभी पहलुओं के बारे में बताने के लिये जिम्मेदार है जिसमें यह भी शामिल है कि हिरासत में रखे गए किसी व्यक्ति को उपलब्ध सुविधाएं और अधिकारों और जांच में सहयोग करने के कानूनी दायित्वों का अनुपालन किया जा रहा है या नहीं। ''
महबूबा ने सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए कहा कि यह ‘शर्मनाक और घटिया’ बात है तथा ऐसी हरकतों से कानून व्यवस्था को अक्षुण्ण रखने की जिम्मेदारी संभाल रहे संस्थानों की बदनामी ही होती है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, ‘‘जम्मू कश्मीर सीआईडी उन केंद्रीय एजेंसियों की सूची में शामिल हो गयी है जो कश्मीरियों को आतंकित करती हैं और उन्हें झूठे मामलों में फंसाती हैं....वहीद को झूठे आरोपों पर कबूलनामे के लिए प्रताडि़त किया जा रहा है। चूंकि कबूलनामा नहीं हुआ, इसलिए उन्हें अमानवीय दशा में रखा जा रहा है। यह जांच पहले ही दिन से फर्जी और राजनीति से प्रेरित है।’’
पारा को राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन के साथ कथित संबंध को लेकर गिरफ्तार किया था। उन्हें बाद में एक एनआईए अदालत से जमानत मिल गयी थी। लेकिन दो दिन बाद ही उन्हें जम्मू में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और वह हिरासत में ही हैं।
महबूबा मुफ्ती की टिप्पणियों की ओर इशारा करते हुए जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कहा , ''सोशल मीडिया पर सार्वजनिक रूप से सीडीआई जांच के बारे में हाल ही में की गईं टिप्पणियों के दो कारण हैं: तथ्यात्मक रूप से गलत होते हुए सीआईडी अधिकारियों का बढ़ते खतरों और चुनौतियों से ध्यान भटकाना। इससे गवाहों और आगे की जांच पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने का खतरा रहता है। यह बात तथ्यात्मक रूप से गलत है कि जिस व्यक्ति के खिलाफ जांच चल रही है, उसका उत्पीड़न किया जा रहा है। सीआईडी पेशवेर ढंग से और कानून के हिसाब से काम करती है।
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