नयी दिल्ली/चंडीगढ़, 29 अप्रैल (भाष) कोरोना वायरस से गंभीर रूप से बीमार मरीजों के इलाज में काम आ रही एंटी वायरल दवा रेमडेसिवीर की कालाबाजारी के आरोप में बृहस्पतिवार को दिल्ली से एक डॉक्टर और प्रयोगशाला तकनीशियन को गिरफ्तार किया गया।
पुलिस के अधिकारी ने बताया कि सूचना के आधार पर पुलिस के नारकॉटिक्स प्रकोष्ठ ने दो संदिग्धों 32 वर्षीय डॉक्टर विष्णु अग्रवाल और प्रयोगशाला तकनीशियन निखिल गर्ग (22) को गिरफ्तार कर लिया और उनके कब्जे से आठ इंजेक्शन बरामद किये गये हैं।
पुलिस ने बताया कि वे 45,000 रुपये में इंजेक्शन बेच रहे थे।
इस बीच चंडीगढ़ में हरियाणा पुलिस ने बताया कि उसने इंजेक्शन की कालाबाजारी के आरोप में पानीपत जिले से दो लोगों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने एक बयान में बताया कि एक आरोपी प्रमुख नैदानिक प्रयोगशाला का प्रबंधक है जबकि दूसरा एक अस्पताल में दवा की दुकान चलाता है।
उन्होंने बताया कि आरोपी रेमडेसिवीर की एक शीशी 20,000 रुपये में बेच रहे थे और शुरुआती जांच में पता चला है कि वे अबतक 12 इंजेक्शन बेच चुके हैं।
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