लाइव न्यूज़ :

प्रवासी कामगारों के लिए सामुदायिक रसोई, खाद्यान्न और परिवहन की व्यवस्था करें : उच्चतम न्यायालय

By भाषा | Updated: May 13, 2021 20:20 IST

Open in App

नयी दिल्ली, 13 मई उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा को निर्देश दिया कि कोविड-19 महामारी की मौजूदा लहर के कारण फंसे हुए प्रवासी कामगारों के लिए वे सामुदायिक रसोई शुरू करें और जो कामगार घर वापस जाना चाहते हैं उनके लिए परिवहन की व्यवस्था करे।

कोविड-19 के बढ़े मामलों और देश के विभिन्न भागों में लागू पाबंदियों के कारण फंसे प्रवासी कामगारों की मुश्किलों को कम करने के लिए कई अंतरिम निर्देश देते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि एनसीआर क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भर भारत योजना’ या केन्द्र और दिल्ली, उत्तर प्रदेश तथा हरियाणा सरकारों की अन्य योजनाओं के तहत उन्हें खाद्यान्न मुहैया कराएं।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने कहा कि केन्द्र सरकार प्रवासी कामगारों की जरुरतों का ख्याल रखते हुए समुचित व्यवस्था करने का निर्देश रेल मंत्रालय को दे।

शीर्ष अदालत ने तीन कार्यकर्ता द्वारा दायर अर्जी पर सुनवाई करते हुए उपरोक्त निर्देश दिए। अर्जियों में न्यायालय से अनुरोध किया गया था कि वह केन्द्र और राज्य सरकारों को महामारी के कारण लागू पाबंदियों की वजह से दिक्कतों का सामना कर रहे प्रवासी कामगारों के कल्याण के लिए खाद्य सुरक्षा, नकदी अंतरण, परिवहन व्यवस्था और अन्य कल्याणकारी कदम उठाने का निर्देश दे।

पीठ ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा राज्य (एनसीआर में आने वाले जिलों के लिए) एनसीआर में फंसे हुए प्रवासी कामगारों और उनके परिवार वालों के लिए लोकप्रिय स्थानों पर सामुदायिक रसोई खोले ताकि उन्हें दो वक्त का भोजन मिल सके।’’

पीठ ने कहा, ‘‘ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा राज्य (एनसीआर में आने वाले जिलों के लिए) कोविड-19 के कारण (एनसीआर में) फंसे प्रवासी कामगारों में से जो घर जाना चाहते हैं, उनके लिए परिवहन की समुचित व्यवस्था करे।’’

न्यायालय ने निर्देश दिया कि जिला प्रशासन, पुलिस के साथ मिलकर ऐसे फंसे हुए प्रवासी कामगारों की पहचान करे और बस या ट्रेन से उनकी वापसी की व्यवस्था करे।

पीठ ने कहा, ‘‘मई 2021 से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में फंसे प्रवासी कामगारों को आत्म निर्भर भारत या भारत सरकार, दिल्ली सरकार, उत्तर प्रदेश हरियाणा सरकार की किसी अन्य योजना के तहत राशन की दुकानों के माध्यम से खाद्यान्न दिया जाएगा।’’

पीठ ने कहा कि खाद्यान्न देते हुए प्रशासन ‘‘उन प्रवासी कामगारों को पहचान पत्र दिखाने पर जोर ना दे जिनके पास फिलहाल दस्तावेज नहीं है और सिर्फ उनके कहने के आधार पर उन्हें राशन मुहैया कराए।’’

न्यायालय ने केन्द्र के साथ-साथ दिल्ली, उत्तर प्रदेश तथा हरियाणा सरकारों को निर्देश दिया कि वे फंसे हुए प्रवासी कामगारों की तकलीफें कम करने के लिए आवेदन में दिए गए सलाह पर जवाब दे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

पूजा पाठPanchang 10 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 10 December 2025: कन्या को धनलाभ, कुंभ को हो सकती है धनहानि, पढ़ें अपनी राशि का भविष्य

कारोबारजी-20 पर रार जारी, वैश्वीकरण की जगह लेता आक्रामक राष्ट्रवाद

भारतआरोप-प्रत्यारोप में ही सीमित होती राजनीति, किसी विषय पर मतभेद हो ही नहीं तो फिर बहस क्यों?

भारतAadhaar Crad e-KYC: कैसे करें आधार का केवाईसी? जानें आसान प्रोसेस

भारत अधिक खबरें

भारतमाइक्रोसॉफ्ट के बॉस सत्या नडेला ने पीएम मोदी से मिले, भारत में ‘AI फर्स्ट फ्यूचर’ के लिए $17.5 बिलियन का करेंगे निवेश

भारतअरपोरा क्लब में आग लगने के बाद गोवा के वागाटोर में लूथरा के नाइट क्लब पर चला बुलडोजर

भारतबिहार: सीएम नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार के जदयू में आने को लेकर गरमाई सियासत, जदयू नेताओं ने की आवाज बुलंद

भारतWATCH: राहुल गांधी ने टी-शर्ट लुक छोड़कर खादी कुर्ता पहना, पॉलिटिकल मैसेज देने के लिए किया कपड़ों का इस्तेमाल

भारत50-100 ग्राम पी लेता है या पत्नी के लिए शराब लेकर जाने वाले को पकड़ना सरासर गलत?, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा-धंधेबाज पर कार्रवाई करो, मजदूर को मत सताओ