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अर्जुन सिंह की प्रतिमा मामला: उच्च न्यायालय ने मप्र सरकार को एक हफ्ते में रिपोर्ट देने के कहा

By भाषा | Updated: December 6, 2019 05:44 IST

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सतीष वर्मा ने बताया कि इस याचिका में कहा गया है कि भोपाल के टीटी नगर नगर लिंक रोड स्थित एक तिराहे पर बीचोंबीच पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की मूर्ति लगाई गयी है।

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ठळक मुद्देमध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की आदमकद प्रतिमा लगाने के मामले में प्रदेश के मुख्य सचिव को एक सप्ताह में रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया हैउच्चतम न्यायालय के पूर्व में जारी दिशा निर्देशों का क्या अुनपालन किया। 

 मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने भोपाल शहर के एक तिराहे पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की आदमकद प्रतिमा लगाने के मामले में प्रदेश के मुख्य सचिव को एक सप्ताह में रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। मालूम हो कि यातायात सुधार के लिये न्यू मार्केट इलाके में लिंक रोड नंबर-एक पर स्थित इस तिराहे की रोटरी से कुछ साल पहले स्वतंत्रता सेनानी और क्रांतिकारी नेता चंद्रशेखर आजाद की अर्द्ध-प्रतिमा हटा कर हाल ही में उसी स्थान पर अर्जुन सिंह की आमदकद प्रतिमा स्थापित की गई है।

अर्जुन सिंह की मूर्ति लगाये जाने को अधिवक्ता ग्रीष्म जैन ने जनहित याचिका के जरिये चुनौती दी है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सतीष वर्मा ने बताया कि इस याचिका में कहा गया है कि भोपाल के टीटी नगर नगर लिंक रोड स्थित एक तिराहे पर बीचोंबीच पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की मूर्ति लगाई गयी है।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने वर्ष 2013 के एक आदेश में सडकों या सरकारी जगह पर नेताओं की मूर्ति पर रोक लगायी हुए है। जिस जगह से यातायात और ट्रैफिक व्यवस्था का हवाला देते हुए चन्द्रशेखर आजाद की मूर्ति हटाई गई थी, वहां फिर मूर्ति लगाना सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना है। इस मामले में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायामूर्ति संजय यादव व न्यायामूर्ति अतुल श्रीधरन की युगलपीठ ने मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव को पांच दिसंबर तक अदालत में जवाब पेश करने को कहा था।

मुख्य सचिव की ओर से बृहस्पतिवार को पेश हुए मध्य प्रदेश के महाधिवक्ता शशांक शेखर ने इस मामले में अदालत द्वारा मांगे गये जवाब में युगलपीठ से कहा कि राज्य सरकार सड़कों पर प्रतिमा न लगाने के संबंध में उच्चतम न्यायालय के पूर्व में जारी दिशा निर्देशों का पालन करेगी। इसके बाद अदालत ने मुख्य सचिव को निर्देश दिये हैं कि वह इस मूर्ति के बारे में अदालत में एक सप्ताह में रिपोर्ट पेश कर बतायें कि उसने उच्चतम न्यायालय के पूर्व में जारी दिशा निर्देशों का क्या अुनपालन किया। 

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